PM Narendra Modi Gorakhpur Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज उत्तर प्रदेश के 9,600 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले गोरखपुर विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया, जिसमें एक प्रमुख उर्वरक संयंत्र भी शामिल है. इस मौके पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी इन तीन मेगा परियोजनाओं के साथ पूर्वी यूपी के ‘विकास के सपने को साकार’ करेंगे. गोरखपुर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृह क्षेत्र है.
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "2014 से पहले, देश यूरिया आयात करने के लिए जाना जाता था, और उर्वरकों की कमी सुर्खियों में आती थी, लेकिन अब स्थिति में सुधार हुआ है." पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने यूरिया का दुरुपयोग बंद किया और किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किया ताकि उन्हें पता चल सके कि किस प्रकार के उर्वरक की जरूरत है. प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने बंद पड़े उर्वरक संयंत्रों को चालू कर यूरिया उत्पादन बढ़ाने के लिए भी कदम उठाए हैं.
ये हैं परियोजनाएं
प्रधानमंत्री ने आज गोरखपुर में जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया है, वे हैं -
1. हिंदुस्तान उर्वरक रसायन लिमिटेड (HURL) का एक नवनिर्मित उर्वरक संयंत्र
2. 300 बेड और 14 ऑपरेशन थिएटर की सुविधा वाला एक अत्याधुनिक एम्स गोरखपुर अस्पताल
3. बीआरडी मेडिकल कॉलेज में आईसीएमआर की क्षेत्रीय इकाई, क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र (आरएमआरसी) में एक हाई-टेक लैब
20,000 युवाओं के लिए पैदा होंगे रोजगार के अवसर
प्रधानमंत्री के दौरे से पहले की तैयारियों का जायजा लेने सोमवार शाम गोरखपुर पहुंचे योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्लांट और एम्स का उद्घाटन कार्यक्रम उत्तर प्रदेश के विकास के लिए ऐतिहासिक और भव्य होगा. अधिकारियों के अनुसार ₹8,603 करोड़ का गोरखपुर उर्वरक संयंत्र, प्रति वर्ष 12.7 लाख मीट्रिक टन नीम-लेपित यूरिया का उत्पादन करेगा. इस परियोजना से न केवल किसानों के जीवन में समृद्धि आने की उम्मीद है, बल्कि प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 20,000 युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे.
आसपास के राज्यों को भी मिलेगी विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सुविधा
दूसरी ओर, 1,011 करोड़ रुपये वाले गोरखपुर एम्स से न केवल पूर्वी उत्तर प्रदेश की आबादी बल्कि बिहार, झारखंड और नेपाल के लोगों को विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिलेगा. इसी तरह, बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 36 करोड़ रुपये का क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र, वेक्टर जनित रोगों के परीक्षण और अनुसंधान की सुविधा प्रदान करेगा. हाई-टेक लैब से वेक्टर जनित रोगों से संबंधित परीक्षणों के लिए बड़े शहरों पर क्षेत्र की निर्भरता कम होने की उम्मीद है. गोरखपुर के अधिकारियों ने पुष्टि की कि मंगलवार से जिले भर में इलेक्ट्रिक बसें भी चलने लगेंगी. इनमें से पंद्रह बसों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 15 अक्टूबर को लखनऊ में हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था.
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