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प्रधानमंत्री का विश्वनाथ मंदिर को तोहफा, मंदिर के कर्मचारियों को बांटे 100 जूट के जूते

अब काशी के भव्य विश्वनाथ धाम के मंदिर परिसर में अगर ड्यूटी देने वाले CRPF, यूपी पुलिस, सेवादार, सफाई कर्मी या फिर पूजा करने वाले शास्त्री जूट के शुद्ध जूते में दिख जाए तो इसे मामूली बात ना समझिएगा. क्योंकि यह सिर्फ जूट के जूते नहीं जिसे पहनकर मंदिर परिसर में ड्यूटी दिया जा रहा है, बल्कि पीएम मोदी का तोहफा भी है.

प्रधानमंत्री का विश्वनाथ मंदिर को तोहफा प्रधानमंत्री का विश्वनाथ मंदिर को तोहफा
हाइलाइट्स
  • प्रधानमंत्री ने गिफ्ट किए जूट के जूते

  • जुते के पाकर खुश है कर्मचारी

  • 8-8 घंटे ड्यूटी करके परेशान थे कर्मचारी

विश्वनाथ मंदिर का स्वरूप बदलकर भव्य विश्वनाथ धाम हो चुका है. लिहाजा मंदिर परिसर का दायरा भी बढ़ चुका है. ऐसे में मौसम की मार के साथ ड्यूटी करना वे भी संगमरमर के फर्श पर नंगे पैर या लकड़ी के खड़ाऊ पहनकर सबके बस की बात नहीं है. क्योंकि मंदिर परिसर में चमड़े या रबड़ तक के जूते निषेध है. विश्वनाथ धाम में ड्यूटी देने वाले सुरक्षाकर्मी हो या फिर पूजा करने वाले शास्त्री या फिर सेवादार, पुलिस के जवान हो चाहे सफाईकर्मी, सभी की पीड़ा को खुद देश के पीएम मोदी ने समझा और तोहफे के रूप में आस्था और जरूरत को ध्यान में रखते हुए शुद्ध जूट के 100 जोड़ी जूतों को भिजवा दिया. जिसे पाकर सारे कर्मचारी काफी खुश है.

प्रधानमंत्री ने गिफ्ट किए जूट के जूते
अब काशी के भव्य विश्वनाथ धाम के मंदिर परिसर में अगर ड्यूटी देने वाले CRPF, यूपी पुलिस, सेवादार, सफाई कर्मी या फिर पूजा करने वाले शास्त्री जूट के शुद्ध जूते में दिख जाए तो इसे मामूली बात ना समझिएगा. क्योंकि यह सिर्फ जूट के जूते नहीं जिसे पहनकर मंदिर परिसर में ड्यूटी दिया जा रहा है, बल्कि पीएम मोदी का तोहफा भी है. क्योंकि मौसम की मार और लगातार 8 घंटे संगमरमर के फर्श पर नंगे पैर या फिर खड़ाऊ पहनकर ड्यूटी देना असहनीय हो जाता था. 

जुते के पाकर खुश है कर्मचारी
इस पीड़ा को खुद वाराणसी के सांसद और प्रधान सेवक पीएम मोदी ने समझा और पहली खेप में 100 जोड़ी जूट के जूते को भेजकर वितरित करवाया. जिसे पाकर सभी के खुशी का ठिकाना नहीं है. CRPF के इंस्पेक्टर रंजीत सिंह ने बताया कि जूते काफी आरामदायक है और बाकी साथियों को भी जल्द मिल जाए. क्योंकि मंदिर परिसर में आने जाने और गंदगी से बचा जा सके. इससे पहले खड़ाऊ पहनकर ड्यूटी देते थें. क्योंकि वे सभी के पैरों में फिट नहीं होते थे. जिससे काफी दिक्कत होती थी. पीएम मोदी जी का तोहफा पसंद आया. तो वहीं CRPF के ही सब इंस्पेक्टर शिव कुमार ने बताया कि जूट के जूते पहनकर काफी रिलेक्स मिला है. क्योंकि पहले जमीन पर फिसलन से काफी दिक्कत होती थी. ऐसे ही किसी तोहफे के मिलने की उम्मीद थी. इसके लिए देश के प्रधान सेवक को कोटि-कोटि धन्यवाद है. 

8-8 घंटे ड्यूटी करके परेशान थे कर्मचारी
वहीं जूट के 100 जूतों को वितरित करने वाले वाराणसी के मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने बताया कि काशी विश्वनाथ धाम बनने के बाद मंदिर परिसर का दायरा काफी बढ़ गया है और मुख्य मंदिर परिसर में चप्पल पहनकर जाना निषेध है. लेकिन सुरक्षा सहित अन्य दायित्वों के निर्वहन के लिए लोगों को अपनी ड्यूटी देनी पड़ती है और 8-8 घंटे ड्यूटी करना कठिन काम होता है.  इसके लिए खड़ाऊ सहित अन्य विकल्पों पर विचार चल रहा था. लेकिन खड़ाऊ पहनकर चलना सहज नहीं होता है. जिसके कारण दिक्कत होती है.

पहनने में आरामदायक हैं ये जूते
जब इस बारे में मोदी जी को पता चला तो उन्होंने जूट के बने एनवायरमेंट फ्रेंडली और बगैर किसी की भावना को आहत किए. इसलिए पीएम मोदी ने जूट के जूतों को भिजवाया है. जिसे CRPF, सफाई कर्मी, सेवादार, पुजारियों और अन्य कर्मचारियों को भी वितरित किया गया है. आने वाले समय में सभी को दिया जाएगा. सारा सामान खुद दिल्ली से पीएम मोदी जी ने भिजवाया है. यह जूते पहनने में आरामदायक है और एनवायरमेंट फ्रेंडली भी है.