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Energy Swaraj Yatra: मिलिए भारत के Solar Gandhi से, सौर ऊर्जा पर जागरूकता फैलाने के लिए कर रहे हैं यात्रा

Solar Gandhi के नाम से जाने जाने वाले IIT Bombay के प्रोफेसर चेतन सिंह सोलंकी पिछले 1000 दिनों से Energy Swaraj Yatra पर हैं.

Prof. Chetan Singh Solanki Prof. Chetan Singh Solanki
हाइलाइट्स
  • IIT बॉम्बे के हैं प्रोफेसर सोलंकी

  • सौर ऊर्जा को अपनाएं लोग 

प्रोफेसर चेतन सिंह सोलंकी ने सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने और ऊर्जा संरक्षण पर 750 वार्ताएं देने के लिए 20 राज्यों में 43,000 किलोमीटर से ज्यादा की यात्रा की है. यह यात्रा उन्होंने 1000 दिन में पूरी की है. प्रोफेसर सोलंकी को भारत के सौर पुरुष या सौर गांधी के रूप में भी जाना जाता है. उन्होंने नवंबर 2020 से ऊर्जा स्वराज यात्रा शुरू की थी.

IIT बॉम्बे के हैं प्रोफेसर 
मंगलवार को, आईआईटी-बॉम्बे में '1,000 दिन, 1,000 उम्मीदें' नामक एक कार्यक्रम में, सोलंकी को ऊर्जा स्वराज यात्रा के 1,000 दिन पूरे करने के लिए संस्थान ने सम्मानित किया. उनकी यात्रा साल 2030 में समाप्त होगी. प्रोफेसर सोलंकी IIT बॉम्बे में ऊर्जा विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग में प्रोफेसर हैं और  उनके महत्वपूर्ण कार्यों के लिए उन्हें संस्थान ने 11 सालों के लिए छुट्टी दी है. 

कार्यक्रम में सोलंकी ने कहा कि क्लाइमेट चेंज और बढ़ते ग्लोबल तापमान को देखते हुए दुनिया को 100 प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोत अपनाने होंगे ताकि ग्लोबल तापमान में सामान्य बढ़ोतरी को दो डिग्री सेल्सियस पर ही रोक सकें. 

सौर ऊर्जा को अपनाएं लोग 
एनर्जी स्वराज यात्रा ने 2.50 लाख से ज्यादा भारतीयों के जीवन को प्रभावित किया है. सोलंकी का कहना है कि इस अभियान के तहत, जनता में जलवायु परिवर्तन के बारे में जागरूकता फैलाई जा रही है और लोगों को जलवायु सुधारात्मक उपायों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. 

अपनी यात्रा के सफर के बारे में उन्होंने कहा कि उन्हें इस पूरी यात्रा के दौरान, चिलचिलाती गर्मी और मूसलाधार बारिश में फंसे लोगों के बीच बंजर खेतों का सामना करना पड़ा. उन्होंने दिल्ली पहुंचने पर यमुनोत्री के निर्मल जल को रासायनिक झाग में बदलते देखा है. कंक्रीट के राजमार्गों ने जंगलों को खत्म कर दिया है, जबकि फ़ैक्टरी के धुएं ने आसमान को धुंधला कर दिया है. 

एनर्जी स्वराज यात्रा केवल एक निजी अभियान नहीं है; यह सभी के लिए सौर ऊर्जा को अपनाने के लिए एक आह्वान और अपील है.

'इस चुनाव, जलवायु सुधार के बारे में सोचें
ऊर्जा कार्यकर्ता ने इस अवसर पर 'इस चुनाव, जलवायु सुधार के बारे में सोचें' नामक एक अभियान भी चलाया. उन्होंने कहा, "हम उन सभी युवाओं को प्रोत्साहित करेंगे जो चुनाव में स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में खड़े हो सकते हैं और जलवायु परिवर्तन के लिए लड़ सकते हैं."

सोलंकी ने अपनी देशव्यापी यात्रा सौर ऊर्जा से चलने वाली बस से शुरू की. इस बस में एक वातानुकूलित बेडरूम, ऑफिस स्पेस, एक इंडक्शन कुकर के साथ एक रसोईघर और एक रेफ्रिजरेटर जैसी सुविधाएं हैं. ये सभी चीजें बस की छत पर लगे सौर पैनलों से संचालित होती हैं.