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सड़क से सदन तक पहुंचने वाले शिवसैनिक एकनाथ शिंदे की कहानी, जो उद्धव सरकार के लिए बन गए हैं चुनौती

एकनाथ शिंदे (Eknath Shindhe)वह नाम है, जिन्होंने महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल ला दिया है. शिंदे के साथ महाराष्ट्र के करीब 26 विधायक इस वक्त गुजरात में ठहरे हुए हैं.

एकनाथ शिंदे का सड़क से लेकर सदन तक का सफर एकनाथ शिंदे का सड़क से लेकर सदन तक का सफर
हाइलाइट्स
  • एकनाथ शिंदे बने उद्धव सरकार के लिए चुनौती

महाराष्ट्र की राजनीति को लेकर दिल्ली तक में हलचल मची हुई है. एमएलसी चुनाव का परिणाम आते ही शिवसेना और महाराष्ट्र सरकार को समर्थन देने वाले लगभग दो दर्जन विधायक अब नजर नहीं आ रहे हैं. महाराष्ट्र की राजनीति को इतना बड़ा झटका देने वाले और कोई नहीं बल्कि एकनाथ शिंदे हैं, जो अब उद्धव ठाकरे के सामने चट्टान की तरह उन्हीं के विधायक लेकर खड़े हो गए हैं. आखिर एकनाथ शिंदे कौन हैं, चलिए बताते हैं आपको कैसे शुरू हुआ था इनका राजनीतिक सफर. 

एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र सरकार के नगरविकास मंत्री हैं लेकिन, जानना ये भी जरूरी है कि वह यहां तक कैसे पहुंचे. शिंदे का राजनीति का ये सफर कैसे शुरू हुआ. दरअसल, साल 1997 में शिंदे को शिवसेना ने ठाणे नगर निगम चुनाव में पार्षद का टिकट दिया था, जिसमें उन्होंने भारी मतों से जीत हासिल की थी. इसके बाद से मानों कभी उन्होंने हार का मुंह ही नहीं देखा. पार्टी ने जहां से, जिस चुनाव में खड़ा किया... शिंदे को जीत हासिल हुई. 

राजनीति में आने से पहले ऑटो चलाते थे एकनाथ शिंदे 

एकनाथ शिंदे का जन्म 9 फरवरी 1964 को महाराष्ट्र के सतारा जिले में हुआ था. शिंदे मराठी समुदाय से ह ताल्लुक रखते हैं. एकनाथ शिंदे ने 11वीं कक्षा तक ठाणे में ही पढ़ाई की. पढ़ाई के बाद उन्होंने ऑटो चलाना शुरू कर दिया था. कुछ साल ऑटो चलाने के बाद वह  शिवसेना से जुड़े गए और एक आम कार्यकर्ता के रूप में काम करने लगे. इसके बाद उन्होंने हर चुनाव में जीत हासिल की. यही वजह है कि इन्हें मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का बेहद करीबी माना जाता था. 

क्या है पूरा मामला, जिससे महाराष्ट्र में मची है खलबली 

दरअसल,  एमएलसी चुनाव के बाद से ही महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल होना शुरू हो गया था.  एमएलसी की 10 सीटों पर चुनाव हुए, जिसके लिए 11 उम्मीदवार मैदान में थे. इसमें शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के गठबंधन ने छह उम्मीदवार उतारे थे तो बीजेपी ने पांच लेकिन, चुनाव के परिणाम आते ही अब शिवसेना और महाराष्ट्र सरकार को समर्थन देने वाले करीब दो दर्जन विधायक अचानक गायब हो गए. 

खबर है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के करीबी और शिवसेना पुराने नेता शिंदे ही इन्हें लेकर गुजरात निकल गए हैं, जिसके बाद से ही महाराष्ट्र में बैठकों का दौर जारी है. दरअसल, जब से शिंदे गायब हैं, उनसे किसी का संपर्क नहीं हो पा रहा है. उनका फोन भी नॉट रिचेबल आ रहा है. 

पार्टी से जुड़े कई आंदोलनों में आगे रहे हैं शिंदे

एकनाथ शिंदे ठाणे की कोपरी-पंचपखाड़ी सीट से साल 2004 में पहली बार विधायक निर्वाचित हुए थे. इसके बाद साल 2004 में शिवसेना के टिकट से वह पहली बार विधानसभा. समय बीतता गया और शिंदे राजनीति में अपने पैर जमाते गए. 

इसके बाद 2009, 2014 और 2019 में भी वह लगातार विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुए. शिंदे पार्टी की तरफ से सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों को लेकर कई आंदोलनों में सबसे आगे रहे. वह पार्टी की कई जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं. 

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