Forbes Magazine ने दुनिया की 100 सबसे शक्तिशाली महिलाओं (World’s Most Powerful Women) की लिस्ट जारी की. इस लिस्ट में चार भारतीय महिलाएं भी शामिल हैं. इस लिस्ट में निर्मला सीतारमण, रोशनी नादर मल्होत्रा, किरण मजूमदार-शॉ के साथ-साथ सोमा मंडल का नाम भी शामिल है. सोमा मंडल का नाम स्टील इंडस्ट्री में अचीवमेंट और इनोवेशन का पर्याय है. वह सरकारी स्वामित्व वाली स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAIL) की अध्यक्ष बनने वाली पहली महिला थीं. उद्योग में उनके अपार योगदान के लिए उन्हें "Queen of Steel" के रूप में भी जाना जाता है.
कौन हैं Queen of Steel सोमा मंडल
भुवनेश्वर में जन्मी और पली-बढ़ी सोमा मंडल पढ़ाई में हमेशा से अच्छी रहीं. उन्होंने राउरकेला के प्रतिष्ठित राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की, जहां उन्होंने अपनी टेक्निकल स्किल्स और लीडरशिप क्वालिटीज को बेहतर किया.
1984 में, मंडल ने देश के सबसे बड़े इस्पात उत्पादक स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAIL) में अपने करियर की शुरुआत की. अगले तीन दशकों में, वह उत्पादन, योजना और परियोजना प्रबंधन जैसे विभिन्न कार्यों में असाधारण विशेषज्ञता का प्रदर्शन करते हुए आगे बढ़ीं. उनके समर्पण और नेतृत्व ने उन्हें SAIL की पहली महिला कार्यात्मक निदेशक के रूप में पहचान दिलाई.
बनीं बदलाव कै प्रतीक
साल 2021 में SAIL के अध्यक्ष के रूप में सोमा मंडल की ऐतिहासिक नियुक्ति ने पारंपरिक रूप से पुरुष-प्रधान स्टील इंडस्ट्री में एक महत्वपूर्ण बदलाव को चिह्नित किया. मडल इस प्रतिष्ठित पद को संभालने वाली पहली महिला बनीं, जिन्होंने अनगिनत महिलाओं को इस क्षेत्र में आगे आने के लिए प्रेरित किया. अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, मंडल ने कई महत्वपूर्ण पहलों का नेतृत्व किया. उन्होंने ऑपरेशनल एफिशिएंसी, तकनीकी प्रगति और बाजार विस्तार पर ध्यान केंद्रित किया, जिससे सेल को उल्लेखनीय सफलता मिली.
उनके नेतृत्व में, कंपनी ने रेवेन्यू और प्रोडक्शन में बढ़ोतरी देखी, जिससे इस्पात उत्पादन में ग्लोबल लीडर के रूप में उनकी स्थिति मजबूत हुई. साल 2023 में, मंडल फोर्ब्स मैगजीन ने विश्व की सबसे शक्तिशाली महिलाओं में से एक के रूप में मान्यता दी है. अपनी व्यावसायिक उपलब्धियों से परे, मंडल आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहती है. सोमा मंडल दृढ़ता और अभूतपूर्व उपलब्धि के प्रतीक के रूप में खड़ी हैं. उनकी कहानी आशा और प्रोत्साहन की किरण है, जो हमें याद दिलाती है कि कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से कुछ भी संभव है.