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10 घंटे लेट हुई ट्रेन तो रेलवे पर लगा जुर्माना, अब यात्री को चुकाएगा 22 हजार रुपये

ट्रेन के 10 घंटे से ज्यादा समय तक लेट होने के कारण शिकायतकर्ता को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. ट्रेन के लेट होने के कारण उनका कोई मेडिकल चेकअप नहीं हो सका. 

हाइलाइट्स
  • ट्रेन के लेट होने के कारण मेडिकल चेकअप नहीं हो सका. 

  • 10 घंटे से ज्यादा समय तक स्टेशन पर इंतजार करना पड़ा.

भारतीय रेल का नेटवर्क काफी बड़ा है. ऐसे में कई बार किसी वजह से ट्रेन लेट भी हो जाती है, जिसकी वजह से यात्रियों को दिक्कतों का भी सामना करना पड़ता है. ऐसा ही एक मामला पंजाब से सामने आया है, जहां एक 64 साल के यात्री को ट्रेन लेट होने के कारण 10 घंटे से ज्यादा समय तक स्टेशन पर इंतजार करना पड़ा. जिसके बाद उन्होंने अमृतसर के उपभोक्ता आयोग का रुख किया और अपनी शिकायत दर्ज कराई. 

दरअसल, अमृतसर के सुजिंदर सिंह ने 1 अगस्त 2018 के लिए अमृतसर से नई दिल्ली और 3 अगस्त 2018 को नई दिल्ली से अमृतसर के लिए दो ऑनलाइन टिकट बुक किए थे और तीन स्लीपर सीट बुक कराई थी. लेकिन ट्रेन के 10 घंटे से ज्यादा समय तक लेट होने के कारण उन्हे कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. सुजिंदर सिंह ने बताया कि अमृतसर से विशाखापत्तनम जाने वाली हीराकुंड एक्सप्रेस का प्रस्थान रात 11.45 बजे था. उन्होंने कहा कि वह रात 11 बजे रेलवे स्टेशन पहुंचे. रात करीब 11.30 बजे रेलवे अधिकारियों ने घोषणा की कि ट्रेन के प्रस्थान का समय बदलकर 1.30 बजे कर दिया गया है. ट्रेन के प्रस्थान का समय आगे बदलकर 2.30 बजे कर दिया गया था. ट्रेन फिर लेट हो गई. 

ट्रेन लेट होने के कारण मेडिकल चेकअप नहीं हो सका

सुजिंदर सिंह ने उपभोक्ता आयोग से कहा कि उन्हें चेस्ट इन्फेक्शन, सांस लेने में तकलीफ, सर्वाइकल, शुगर और लो ब्लड प्रेशर है. उन्हें दो लोगों की मदद से एक प्लेटफॉर्म से दूसरे प्लेटफॉर्म जाना पड़ा था. वह रात 11 बजे रेलवे स्टेशन पहुंच गए थे और ट्रेन सुबह साढ़े दस बजे अमृतसर रेलवे स्टेशन पहुंची. उन्होंने कहा कि उन्हें दिल्ली AIIMS में मेडिकल चेकअप के लिए जाना था. ट्रेन दोपहर 1.15 बजे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंची, जबकि ओपीडी सुबह 9 से दोपहर 1 बजे तक खुली रही. ट्रेन के लेट होने के कारण उनका मेडिकल चेकअप नहीं हो सका. 

रेलवे अधिकारियों को 22,000 रुपये भुगतान करने का निर्देश

जिसके बाद सुजिंदर सिंह ने मंडल रेल प्रबंधक (DRM), फिरोजपुर और स्टेशन मास्टर, उत्तर रेलवे, अमृतसर के खिलाफ अमृतसर के उपभोक्ता आयोग का रुख किया. जिसके बाद पंजाब के राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने उत्तर रेलवे के अधिकारियों को सुजिंदर सिंह को 22,000 रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया. संबंधित रेलवे अधिकारियों को मुआवजे के रूप में 20,000 रुपये और मुकदमे की लागत के रूप में 2,000 रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया गया है. 

उत्तर रेलवे के अधिकारियों, डीआरएम फिरोजपुर और स्टेशन मास्टर, अमृतसर ने राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग, पंजाब के समक्ष एक अपील में तर्क दिया कि ट्रेन के प्रस्थान में देरी के बारे में एक उचित घोषणा की गई थी लेकिन, हालात नियंत्रण से बाहर थे. लेकिन पंजाब के राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने उत्तर रेलवे के अधिकारियों की अपील को खारिज कर दिया है.

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