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RPF की पैनी नजर! अपराधियों की स्टेशनों पर एंट्री करते ही कंट्रोल रूम को चला जाएगा अलर्ट, जगह-जगह लगाए गए हैं एडवांस कैमरे

मुंबई की सुरक्षा को लेकर पुलिस समेत सभी इंटेलिजेंस एजेंसियां अलर्ट पर रहती हैं. इसी कड़ी में मुंबई की लाइफलाइन कहे जानेवाली लोकल ट्रेनों की सुरक्षा को लेकर रेलवे कई कदम उठा रही है.

मुंबई पुलिस की अपराधियों पर पैनी नजर मुंबई पुलिस की अपराधियों पर पैनी नजर
हाइलाइट्स
  • लोकल ट्रेनों की सुरक्षा के लिए उठाए जा रहे हैं कई कदम

  • शहर में लगाए गए हैं AI बेस्ड कैमरे

देश में अपराधों पर काबू पाने के लिए पुलिस और सरकारें हर कोशिश करती हैं. वहीं अब आधुनिक युग में अपराध करने वालों की खैर नहीं क्योंकि अब अपराध करने वाले लोग नहीं बच पायेंगे. इसके लिए पुलिस अब अपनी तीसरी आंख से अपराधियों पर नजर रखेगी. इसके लिए मुंबई में वेस्टर्न रेल्वे ने एक बड़ी पहल की है. मुंबई में अपराधों पर काबू पाने के लिए इंटेग्रेटिड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम एंड फेस रिकग्निशन और इंफ्रारेड (IR) जैसे अत्याधुनिक कैमरे लगा दिए गए हैं, जिससे रेलवे स्टेशन पर पैनी नजर रखी जाएगी. 

लोकल ट्रेनों की सुरक्षा के लिए उठाए जा रहे हैं कई कदम 

दरअसल, मुंबई एक ऐसा शहर है जहां पर लोग दूर दूर से अपने सपने पूरे करने आते हैं. लेकिन, मुंबई हमेशा से आतंकियों की हिट लिस्ट में रही है. मुंबई की सुरक्षा को लेकर पुलिस समेत सभी इंटेलिजेंस एजेंसियां अलर्ट पर रहती हैं. इसी कड़ी में मुंबई की लाइफलाइन कहे जानेवाली लोकल ट्रेनों की सुरक्षा को लेकर रेलवे कई कदम उठा रही है.

AI बेस्ड कैमरे
AI बेस्ड कैमरे

शहर में लगाए गए हैं AI बेस्ड कैमरे 

मुंबई के चर्चगेट से विरार और सूरत तक चलने वाली पश्चिम रेलवे शहर की सबसे बीजी लाइनों में से एक मानी जाती है. ऐसे में इस लाइन पर यात्रियों की सुरक्षा बेहद चुनौतीपूर्ण रहती है. इसी को देखते हुए 65 करोड़ की लागत से रेलवे ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सिस्टम की शुरुआत की है, जिससे प्लेटफॉर्म पर होने वाले अपराध, हादसों और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जाती है. पश्चिम रेलवे ने पूरे डिवीजन में 2729 आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित एडवांस कैमरे लगाएं हैं. यह कैमरे फेस रिकग्निशन सिस्टम से लैस हैं, इनका कंट्रोल आरपीएफ कंट्रोल रूम (RPF Control Room) में होता है.

आरपीएफ कंट्रोल रूम
आरपीएफ कंट्रोल रूम

सिस्टम में रखा हो अपराधियों का डाटा सेव 

आरपीएफ ने अपने इस सिस्टम में लोकल व राज्य पुलिस सहित तमाम सुरक्षा एजेंसियों से अपराधियों का डाटा सेव कर रखा है. अगर स्टेशन परिसर में कोई अपराधी या आरोपी प्रवेश करता है और इस दौरान उसके कैमरे की नजर में आते ही तुरंत कंट्रोल रूम को अलर्ट मिलता है. अलर्ट मिलते ही कंट्रोल रूम में बैठी आरपीएफ की टीम उसे पकड़ने के लिए निकल पड़ती है. इस दौरान इस कैमरे की फीड भी दूसरे सिस्टम में स्टोर होती रहती है, ताकि जरूरत पड़ने पर उसे बाद में भी देखा जा सके.