हर दिन ऐसे बहुत से मामले सामने आते है जहां लोग चलती हुई ट्रेन में चढ़ने और उतरने की कोशिश में चोटिल हो जाते है या अपनी जान गवां देते है. ऐसे हादसों से लोगों को बचाने के लिए वेस्टर्न रेलवे ने जीवन रक्षक मुहिम की शुरुआत की थी. इस मुहिम के तहत, सालभर में रेलवे पुलिस फ़ोर्स और गवर्मेंट रेलवे पुलिस ने तक़रीबन 86 लोगों की जान बचाई है जो चलती हुई ट्रेन में चढ़ने की कोशिश कर रहे थे.
12 जवानों को किया गया तैनात
इस मुहिम के तहत वेस्टर्न रेलवे के स्टेशन पर रेलवे पुलिस फ़ोर्स और गवर्मेंट रेलवे पुलिस को तैनात किया गया है जो ऐसी परिस्थिति में लोगों की तुरंत मदद कर सकें. हर स्टेशन पर तक़रीबन 7 रेलवे पुलिस फ़ोर्स के जवान और 5 गवर्मेंट रेलवे पुलिस के जवान तैनात रहते हैं.
पिछले कैलेंडर वर्ष में इस तरीक़े की घटनाओं में इज़ाफ़ा हुआ था. ऐसे में, पूरे वेस्टर्न रीजन में 86 लोगों की जान चलती ट्रेन से गिरने के बाद बचाई गई है.
जल्दी में रहते हैं लोग
मुंबई शहर में लोकल ट्रेन लाइफ़लाइन है. यह शहर चलता नहीम दौड़ता है और इसलिए लोगों को अपने-अपने काम पर पहुंचने की जल्दी रहती है. जल्दी में, लोग या तो रेलवे ट्रैक पार करते हैं या चलती ट्रेन से चढ़ने-उतरने की कोशिश करते हैं. इस जल्दबाजी में बहुत से लोग हादसों का शिकार हो जाते हैं.
मुंबई में ऐसे हादसों में लगभग 25 लोगों की जान बचाई गई है. अगर ऐसा हादसा होता है तो जीवन रक्षक मुहिम के तहत घायल यात्री का इलाज करवाया जाता है. साथ ही यात्रियों की काउन्सलिंग भी की जाती है और समझाया जाता है कि चलती हुई ट्रेन से चढ़े और उतरे नहीं.