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Railway Scrap Mission: रेलवे ने चलाया मिशन स्क्रैप, कबाड़ कम करने के साथ ऊर्जा बचाना भी है उद्देश्य

मध्य रेलवे का जीरो स्क्रैप मिशन स्क्रैप को कम करने और ऊर्जा बचाने के उद्देश्य से शुरू किया गया था. ज़ीरो-स्क्रैप मिशन कुछ प्रारंभिक पहलों जैसे "स्वच्छ रेल" के साथ शुरू हुआ था.

रेलवे ने चलाया मिशन स्क्रैप, कबाड़ कम करने के साथ ऊर्जा बचाना भी है उद्देश्य रेलवे ने चलाया मिशन स्क्रैप, कबाड़ कम करने के साथ ऊर्जा बचाना भी है उद्देश्य
हाइलाइट्स
  • स्क्रैप को कम करने के लिए चलाया जा रहा मिशन

  • रेलवे को कबाड़ मुक्त बनाने की अपील

देश में यात्रा करने का सबसे आसान तरीका और किफायती माध्यम रेलवे है. पिछले कुछ सालों में रेल यात्रा करना आधुनिक भी हुआ है और तेज भी. ऐसे में रेलवे द्वारा लगातार अलग-अलग मुहिम चलाई जाती है. वही देश में स्वच्छ भारत के तहत सफाई पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है. रेलवे भी स्वच्छ भारत को लेकर कई कदम उठा रही है. जिसके अन्तर्गत भारतीय रेल और मध्य रेलवे ने जीरो स्क्रैप मिशन शुरू किया गया था.

स्क्रैप को कम करने के लिए चलाया जा रहा मिशन
मध्य रेलवे का जीरो स्क्रैप मिशन स्क्रैप को कम करने और ऊर्जा बचाने के उद्देश्य से शुरू किया गया था. ज़ीरो-स्क्रैप मिशन कुछ प्रारंभिक पहलों जैसे "स्वच्छ रेल" के साथ शुरू हुआ था. भारत का केंद्रीय रेलवे जीरो-स्क्रैप मिशन शुरू करने वाला पहला देश है. मध्य रेलवे भारत के सबसे बड़े रेल नेटवर्कों में से एक है जहां पर बड़े स्तर पर जीरो स्क्रैप मिशन चलाया जा रहा है.

रेलवे को कबाड़ मुक्त बनाने की अपील
मध्य रेलवे ने सभी स्टेशनों, अनुभागों, प्रतिष्ठानों, डिपो, कार्यशालाओं, शेडों, कार्यस्थलों को सभी रेलवे स्थानों मंडलों को कबाड़ मुक्त बनाने के लिए शून्य स्क्रैप मिशन को और आगे  करने की दिशा में अपने प्रयासों को जारी रखा है. वर्तमान वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान मध्य रेलवे ने स्क्रैप की बिक्री से 250.49 करोड़ का रेवेन्यू कमाया है. मध्य रेलवे द्वारा उत्पन्न इस 250.49 करोड़ किसी भी वर्ष में अप्रैल से अक्टूबर की अवधि के लिए स्क्रैप की बिक्री से उत्पन्न अब तक का सबसे अधिक रेवेन्यू है.