क्षेत्र में महिलाओं को सम्मान और नारी शक्ति की झलक रेलवे ने हर बार अपने कार्यक्षेत्र में दी है. रेलवे के परिचालन से लेकर प्रबंधन तक महिलाओं की भूमिका सम्मलित है. चाहे वह ड्राइवर के रुप में रेल चालन हो गार्ड, इंजीनियर, टीटीई, ट्रेक मेंटेनर, आरपीएफ या स्टेशन मास्टर सभी कार्यों को महिलाएं भलिभांति अंजाम दे रही हैं. रेल मंत्रालय के मुताबिक देशभर में महिलाएं हर क्षेत्र में सशक्त हो रही हैं. रेलवे के अनुसार देश की बेटियां ट्रेन के डिब्बे, इंजन, पहिए आदि के उत्पादन कार्यों में भी अपना योगदान दे रही हैं.
सबसे पहले पश्चिम रेलवे ने चलाई थी लेडीज स्पेशल ट्रेन
वही महिला रेल यात्रियों के लिये भी रेलवे ने समय-समय पर अलग -अलग व्यवस्था की.1992 में पश्चिम रेलवे ने पहली बार महिलाओं के लिए विशेष लेडीज स्पेशल ट्रेन चलानी शुरू की थी. फिलहाल में पश्चिम रेलवे रोज लगभग 10 महिला स्पेशल रेलगाड़ियों का परिचालन करता है. इनमें रोज हजारों की संख्या में महिला यात्री यात्रा करती हैं. इसके अलावा भारतीय रेल पहला ऐसा रेल नेटवर्क है जहां 5 ऐसे रेलवे स्टेशन है जो सिर्फ महिलाओं द्वारा चलाये जा रहा है. वही भारतीय रेल ने महिलाओं को सम्मान देने के लिए कई रेल गाड़ियों के नाम प्रमुख हस्तियो के नाम पर रखा है.
1) संघमित्रा एक्सप्रेस: भारतीय रेलवे द्वारा संचालित संघमित्र एक्सप्रेस ट्रेन का नाम महान सम्राट अशोक की बेटी संघमित्रा के नाम पर रखा गया है. ये ट्रेन पटना से बैंगलोर के बीच चलती है.
2) आम्रपाली एक्सप्रेस: भारतीय रेलवे द्वारा संचालित आम्रपाली एक्सप्रेस ट्रेन का नाम बौद्ध नन 'आम्रपाली' के नाम पर रखा गया है, जो दृढ़ संकल्प और आत्मविश्वास का प्रतीक है. ये ट्रेन अमृतसर से कटिहार के बीच चलती है.
3) अमृता एक्सप्रेस: भारतीय रेलवे द्वारा संचालित अमृता एक्सप्रेस ट्रेन आध्यात्मिक मां अमृतानंदमयी को समर्पित है, जो अपने निस्वार्थ प्रेम और करुणा के लिए प्रसिद्ध हैं. ये ट्रेन दक्षिणी रेलवे द्वारा संचालित की जाती है.
4) रानी चेन्नम्मा एक्सप्रेस: भारतीय रेलवे द्वारा संचालित रानी चेन्नम्मा एक्सप्रेस ट्रेन का नाम कित्तूर की रानी चेन्नम्मा के सम्मान में रखा गया है, जो कि ब्रिटिश राज के खिलाफ विद्रोह करने वाली एक भारतीय दिग्गज थीं. ये ट्रेन मिराज जंशन से बंगलुरू के बीच चलती है.