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रायपुर से विशाखापट्नम का सफर होगा कुल 7 घंटे में पूरा, 464 किमी लंबी 6-लेन सड़क के लिए टनल का निर्माण मार्च से होगा शुरू 

छत्तीसगढ़ का पहला सबसे बड़ा टनल बनने जा रहा है. रायपुर और विशाखापट्टनम के बीच 464 किमी लंबी 6-लेन सड़क के लिए केशकाल में ढाई किमी लंबी टनल का निर्माण मार्च से शुरू हो जाएगा.

विशाखापट्टनम रोड टनल निर्माण विशाखापट्टनम रोड टनल निर्माण
हाइलाइट्स
  • तीन हिस्सों में हो रहा है काम 

  • विशाखापट्टनम रोड टनल निर्माण से मिलेंगे कई फायदे

भारत में सड़कों का जाल बहुत तेजी से बनाया जा रहा है. इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ में भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत रायपुर और विशाखापट्टनम के बीच 464 किमी लंबी 6-लेन सड़क के लिए केशकाल में ढाई किमी लंबी टनल का निर्माण मार्च से शुरू हो जाएगा. यह छत्तीसगढ़ का पहला सबसे बड़ा टनल है. इसके लिए नेशनल हाईवे और ठेकेदार कंपनी सर्वे भी करवा रही है. ताकि पता चल सके कि टनल बनाने में पहाड़ न धंसे और आने वाले समय में कोई दुर्घटना ना हो.

तीन हिस्सों में हो रहा है काम 

प्रारंभिक तौर पर जियो फिजियोलॉजी रिपोर्ट मिली है. इसके मुताबिक 30 लाख साल पुराना यह पहाड़ बेहद सख्त और ठोस ग्रेनाइट की चट्टान वाला है. रायपुर से विशाखापट्टनम रोड की छत्तीसगढ़ में लंबाई मात्र 124 किमी होगी. ये रोड उड़ीसा से होते हुए आंध्र प्रदेश पहुंचेगी. इसके लिए छत्तीसगढ़ में तीन हिस्से में काम हो रहा है. इन तीन हिस्सों में अभनपुर से सारंगी, सारंगी से बासरवाही और बासरवाही से मरांगपुरी (उड़ीसा बॉर्डर) शामिल हैं. ये टनल बासरवाही और गोविंदपुर के बीच में बनेगी. 

विशाखापट्टनम रोड टनल निर्माण से मिलेंगे कई फायदे

बताते चलें इस टनल निर्माण से हादसों में कमी आएगी. दरअसल केशकाल घाटी में 12 खतरनाक मोड़ हैं, यहीं हादसे होते हैं. इसके अलावा ट्रांसपोर्टेशन आसान होगा क्योंकि बड़ी गाड़ियों को घाटी में चढ़ना नहीं पड़ेगा. इसके अलावा, रायपुर से विशाखापट्नम केवल 7 घंटे में पहुंच सकेंगे.

इतना ही नहीं, इस टनल के बन जाने के बाद बस्तर के कई जिले लाभान्वित हो जाएंगे. केशकाल, कोंडागांव, नारायणपुर, जगदलपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा आदि तमाम आदिवासी जिले हैं जिन जिलों में आवागमन के लेकर काफी समस्या रहती है. इसके बन जाने से इन्हें फायदा होगा. 

(सुमि की रिपोर्ट)