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Ravindra Singh Bhati: पहले ABVP, फिर BJP से बगावत! हर बार मिली जीत.... 5 बार के विधायक को हराने वाले 26 साल के रविंद्र सिंह भाटी की कहानी

Rajasthan Election Result 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव में 26 साल के छात्र नेता रविंद्र सिंह भाटी ने 5 बार के कांग्रेस विधायक अमीन खान को हरा दिया है. भाटी शिव विधानसभा सीट से विधायक चुने गए हैं. रविंद्र भाटी को बीजेपी ने टिकट नहीं दिया था, जिसके बाद उन्होंने पार्टी से बगावत की थी. भाटी जोधपुर विश्वविद्यालय के छात्र संघ अध्यक्ष भी रह चुके हैं.

Ravindra Singh Bhati Ravindra Singh Bhati

राजस्थान विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने बहुमत हासिल किया है. बीजेपी ने 115 सीटों पर जीत दर्ज की है. जबकि कांग्रेस ने 69 सीटों पर जीत हासिल की. इस चुनाव में बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा सीट के नतीजे की चर्चा हो रही है. इस सीट से निर्दलीय रविंद्र सिंह भाटी ने जीत दर्ज की है. 26 साल के रविंद्र भाटी ने 5 बार के कांग्रेस विधायक अमीन खान को हराया. हालांकि इस सीट पर दूसरे नंबर पर एक निर्दलीय उम्मीदवार फतेह खान रहे. चलिए आपको छात्र नेता रविंद्र सिंह भाटी के बारे में बताते हैं.

भाटी ने 5 बार के विधायक को हराया-
शिव विधानसभा सीट से बीजेपी ने स्वरूप सिंह खारा को उम्मीदवार बनाया था. इससे नाराज छात्र नेता रविंद्र सिंह भाटी ने पार्टी से बगावत कर दी. भाटी ने इस सीट से निर्दलीय पर्चा दाखिल किया और जीत हासिल की. रविंद्र भाटी ने एक निर्दलीय उम्मीदवार फतेह खान को 3950 वोटों से हराया. रविंद्र भाटी को 79495 वोट मिले. जबकि फतेह खान को 75545 वोट मिले. कांग्रेस विधायक अमीन खान तीसरे नंबर पर रहे. उनको 55264 वोट मिले. अमीन खान 5 बार विधायक रह चुके हैं.

बीजेपी से की थी बगावत-
रविंद्र भाटी सोशल मीडिया पर काफी चर्चित चेहरा हैं. विधानसभा चुनाव से पहले वो बीजेपी में शामिल हुए थे. माना जा रहा था कि पार्टी उनको शिव विधानसभा सीट से टिकट देगी. लेकिन पार्टी ने उनको टिकट नहीं दिया. इसके बाद रविंद्र ने पार्टी से बगावत कर दी और निर्दलीय मैदान में उतर गए.

यूनिवर्सिटी में 57 साल का तोड़ा था रिकॉर्ड-
रविंद्र भाटी जोधपुर के जय नारायण विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष हैं. साल 2019 में यूनिवर्सिटी चुनाव में रविंद्र भाटी बीजेपी के स्टूडेंट यूनियन एबीवीपी की तरफ से चुनाव लड़ना चाहते थे. लेकिन उनको टिकट नहीं मिला. भाटी ने निर्दलीय पर्चा दाखिल किया और 1294 वोट पाकर जीत हासिल की. जोधपुर यूनिवर्सिटी में 57 साल बाद ऐसा हुआ था, जब किसी निर्दलीय उम्मीदवार ने छात्रसंघ का चुनाव जीता था.

पाकिस्तान बॉर्डर के पास है गांव-
रविंद्र भाटी बाड़मेर के दुधौड़ा गांव के रहने वाले हैं. ये गांव भारत-पाकिस्तान बॉर्डर से सटा हुआ है. भाटी ने राजस्थानी भाषा में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है. पढ़ाई के समय से ही उनका झुकाव बीजेपी विचारधारा की तरफ था. लेकिन एबीवीपी से भी उनको मौका नहीं मिला और उन्होंने निर्दलीय जीत दर्ज की थी. इस बार बीजेपी ने उनको मौका नहीं दिया तो उन्होंने फिर से निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की.

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