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2 निर्दलीय, 2 स्टेट और बीजेपी के खेल में फंस गई कांग्रेस, जानिए क्या है हरियाणा और राजस्थान में राज्यसभा चुनाव का सियासी गणित

Rajya Sabha Election: राज्यसभा चुनाव को लेकर सियासी बिसात बिछने लगी है. राजस्थान और हरियाणा में निर्दलीय उम्मीदवारों ने कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है. राजस्थान में डॉ. सुभाष चंद्रा ने कांग्रेस के तीसरे उम्मदीवार को राज्यसभा पहुंचने पर सस्पेंस खड़ा कर दिया है. जबकि हरियाणा में निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा ने कांग्रेस के अजय माकन के रास्ते में रोड़ा अटका दिया है.

डॉ. सुभाष चंद्रा ने राज्यसभा के लिए राजस्थान से निर्दलीय नामांकन किया डॉ. सुभाष चंद्रा ने राज्यसभा के लिए राजस्थान से निर्दलीय नामांकन किया
हाइलाइट्स
  • राजस्थान में डॉ. सुभाष चंद्रा ने निर्दलीय भरा पर्चा

  • हरियाणा में कार्तिकेय शर्मा ने निर्दलीय पर्चा भरा

राजस्थान में चार सीटों पर राज्यसभा का चुनाव होना है. सियासी गणित के मुताबिक कांग्रेस के दो और बीजेपी के एक राज्यसभा सांसद बनने तय हैं. आखिरी सीट को लेकर माना जा रहा था कि कांग्रेस का पलड़ा भारी है. लेकिन डॉ. सुभाष चंद्रा ने निर्दलीय पर्चा दाखिल कर लड़ाई रोचक बना दी है.

निर्दलीय उम्मीदवार ने रोचक बनाई लड़ाई-
कांग्रेस की तरफ से तीन उम्मीदवारों ने पर्चा दाखिल किया है. जिसमें रणदीप सिंह सुरजेवाला, प्रमोद तिवारी और मुकुल वासनिक ने नामांकन दाखिल किया है. जबकि बीजेपी की तरफ से घनश्याम तिवाड़ी ने पर्चा भरा है. यहां तक तो ठीक था. माना जा रहा था कि कांग्रेस के तीन और बीजेपी का एक सदस्य निर्विरोध जीत दर्ज करेगा. लेकिन बीजेपी ने खेल कर दिया और उसके समर्थन ने डॉ. सुभाष चंद्रा ने निर्दलीय नामांकन दाखिल कर दिया.

क्या है सियासी समीकरण-
राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस विधायकों की संख्या 109 है. जबकि बीजेपी के पास 71 विधायक हैं. 2 बीटीपी, 3 माकपा, एक लोकदल और 13 निर्दलीय विधायक हैं. राजस्थान में राज्यसभा के एक उम्मीदवार की जीत के लिए 41 वोटों की जरूरत पड़ेगी. इस तरह से कांग्रेस के दो सदस्यों की जीत तय है. लेकिन तीसरे की जीत के लिए कांग्रेस को अभी भी 14 वोटों का जरूरत होगी. जबकि बीजेपी के पास 82 विधायक हैं. ऐसे में एक राज्यसभा सदस्य का जीतना तय है. लेकिन दूसरी सीट पर जीत के लिए और भी 11 विधायकों की जरूरत पडे़गी. इस तरह से चौथे सीट के लिए लड़ाई रोचक हो गई है. निर्दलीय उम्मीदवार डॉ. सुभाष चंद्रा को बीजेपी का समर्थन है. ऐसे में छोटे-छोटे दलों और निर्दलीय विधायकों की डिमांड बढ़ जाएगी.

क्या है सुभाष चंद्रा की रणनीति-
डॉ. सुभाष चंद्रा ने राज्यसभा चुनाव के लिए बीजेपी के समर्थन से निर्दलीय पर्चा दाखिल किया है. निर्दलीय उम्मीदवार की 3 राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी, 2 भारतीय ट्राइबल पार्टी के अलावा 6 निर्दलीय विधायकों पर नजर है. सुभाष चंद्रा अपनी जीत को लेकर कहा कि हमने विधायकों का इंतजाम कर लिया है. इसलिए हमारी जीत तय है.

हॉर्स ट्रेडिंग का शक-
राज्यसभा की चौथी सीट के लिए एक निर्दलीय उम्मीदवार के मैदान नें आने के बाद सियासी समीकरण बदल गए हैं. ऐसे में आरोप-प्रत्यारोप का भी दौर शुरू हो गया है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आरोप लगाया है कि बीजेपी ने सुभाष चंद्रा को हॉर्स ट्रेडिंग के लिए भेजा है. सीएम का आरोप है कि पहले करोड़ों रुपए के ऑफर दिए थे और इस बार भी पैसे लेकर आए हैं. उनका कहना है कि इनके पास संख्या बल नहीं है. लेकिन राजस्थान का माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है. सीएम ने कहा कि विधायकों को होटल क्लार्क में रख जाएगा, क्योंकि उनके पास फोन आने लगते हैं.

हरियाणा में कार्तिकेय शर्मा का नामांकन-
हरियाणा में राज्यसभा की दो सीटों पर चुनाव होने हैं. राज्यसभा सांसद डॉ. सुभाष चंद्रा और दुष्यंत कुमार गौतम का कार्यकाल पूरा होने पर चुनाव हो रहा है. कयास लगाए जा रहे थे कि बीजेपी के उम्मीदवार कृष्ण लाल पंवार और कांग्रेस के उम्मीदवार अजय माकन राज्यसभा की जीत तय है. लेकिन निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा के नामांकन के बाद सियासी समीकरण बदल गए हैं. कार्तिकेय शर्मा पूर्व मंत्री विनोद शर्मा के बेटे हैं. कार्तिकेय शर्मा के नामांकन में पूर्व मंत्री विनोद शर्मा और बिजली मंत्री रणजीत चौटाला मौजूद रहे. जेजेपी ने कार्तिकेय शर्मा के समर्थन का ऐलान किया है.

हरियाणा का सियासी गणित-
हरियाणा में 90 विधायक हैं. ऐसे में पहले उम्मीदवार की जीत के लिए 31 और दूसरे की जीत के लिए 30 वोटों की जरूरत है. बीजेपी के पास 40 विधायक हैं. ऐसे में बीजेपी के कृष्ण लाल पंवार का राज्यसभा जाना तय है. इसके बाद बीजेपी के पास 9 विधायक बचेंगे. राज्यसभा की दूसरी सीट के लिए कांग्रेस के अजय माकन और निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा के बीच टक्कर होगी. बीजेपी सरकार को जेजेपी के 10 विधायकों के साथ 6 निर्दलीयों का भी समर्थन प्राप्त है. हालांकि कांग्रेस के पास 31 विधायक हैं. लेकिन क्रॉस वोटिंग अगर हुई तो कांग्रेस का खेल बिगड़ सकता है.

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