राज्यसभा चुनाव 2022 के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा ने पार्टी महिला मोर्चा की अध्यक्ष .महुआ माजी को उम्मीदवार बनाया है. महुआ माजी रांची की रहने वाली हैं. जेएमएम मुखिया और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने महुआ के नाम का ऐलान किया.
कौन हैं महुआ माजी-
महुआ माजी जेएमएम महिला मोर्चा की अध्यक्ष हैं. महुआ फेमस लेखिका और उपन्यासकार हैं. उन्होंने कई कहानियां लिखी है. महुआ की पहली कहानी 'मोइनी की मौत' कथादेश में छपी थी. इस कहानी को पाठकों ने खूब पसंद किया. इसके बाद से महुआ की कहानियां लिखने की सिलसिला शुरू हो गया. महुआ का पहला उपन्यास साल 2006 में प्रकाशति हुआ. जिसका नाम 'मैं बोरिशिल्ला' था. इस उपन्यास में बांग्लादेश की एक गांव की कहानी है. इस गांव का नाम बोरिशाला रहता है. इसका मुख्य किरदार केष्टो है. इसमें बताया गया है कि किस तरह से गांव में लोगों पर अत्याचार होता था. इसमें उस इंसान की कहानी है, जो सबको साथ मिलाकर इस अन्याय के खिलाफ लड़ता है.
सियासत से नहीं था लगाव-
महुआ माजी साल 2013 में झारखंड महिला आयोग की अध्यक्ष बनी. महुआ माजी का राजनीति में आने का कोई इरादा नहीं था. एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि वो महिला आयोग में काम करती थी. वो उससे खुश थी. साल 2014 में जेएमएम ने उनको चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया. लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया. लेकिन फिर उन्होंने हामी भर दी. साल 2014 विधानसभा में जेएमएम ने उनको टिकट दिया. लेकिन वो हार गई. इसके बाद रांची से टिकट दिया गया. लेकिन वो फिर से हार गईं. फिलहाल महुआ माजी जेएमएम की महिला मोर्चा की अध्यक्ष हैं और अब उनको राज्यसभा भेजा रहा है.
महुआ का बांग्लादेश कनेक्शन-
महुआ माजी का बांग्लादेश से भी कनेक्शन है. महुआ के दादा बांग्लादेश के ढाका के रहने वाले थे. लेकिन 50 के दशक में रांची आकर बस गए. जबकि महुआ के नाना भी बांग्लादेश के रहने वाले थे. लेकिन वो भी 50 के दशक में कोलकाता में बस गए. महुआ का पहला उपन्यास भी बांग्लादेश की एक कहानी पर आधारित है.
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