ओडिशा के मुख्यमंत्री ने सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मृत्यु की संख्या में कमी लाने के लिए अनूठी सड़क सुरक्षा पहल 'रक्षक' शुरू की है. इसके तहत 30,000 लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा. दुर्घटना पीड़ितों के इलाज के लिए ओडिशा सरकार ने 147 करोड़ रुपये का कोष भी बनाया है. इस पहल का आयोजन वाणिज्य और परिवहन विभाग द्वारा डॉयचे गेसेलशाफ्टफुर इंटरनेशनेल जुसामेनरबीट (जीआईजेड) और इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी, ओडिशा ब्रांच के साथ साझेदारी में किया गया है.
पीड़ितों की जिंदगी बचाने पर 2,000 रूपए का ईनाम
इस पहल के तहत, राज्य सरकार भोजनालयों, मरम्मत की दुकानों, ईंधन स्टेशनों और पुलिस कर्मियों सहित सड़क के किनारे समुदायों के वालंटियर्स को सड़क दुर्घटना पीड़ितों को पहली मदद पहुंचाने के लिए प्रशिक्षित करेगी. उन्हें राष्ट्रीय और राज्य दोनों राजमार्गों पर एक्सीडेंट होने के कुछ ही देर में दुर्घटना पीड़ितों को प्राथमिक चिकित्सा देना और प्री हॉस्पिटल ट्रॉमा से उबारना सिखाया जाएगा. ओडिशा सरकार इससे पहले भी सड़क दुर्घटना के शिकार लोगों को बचाने वाले लोगों को 2,000 रुपए का ईनाम भी देती है.
300 मास्टर ट्रेनर्स को दिया जाएगा प्रशिक्षण
यह ट्रेनिंग प्रोग्राम दो चरणों में आयोजित किया जाएगा. पहले चरण में, मोटर वाहन कौशल विकास परिषद (एएसडीसी) के विशेषज्ञों द्वारा 10 स्थानों - भुवनेश्वर, कटक, बरहामपुर, संबलपुर, बालासोर, कोरापुट, फूलबनी, सुंदरगढ़, क्योंझर और भवानीपटना में 300 मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षित किया जाएगा. दूसरे चरण में, ये 300 मास्टर ट्रेनर्स सभी जिलों में दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में जाएंगे और स्थानीय लोगों को सड़क दुर्घटना पीड़ितों की मदद करने के लिए ट्रेन करेंगे. ये सड़क सुरक्षा उपायों और अच्छे सामरी कानून के बारे में लोगों को जागरूक करेंगे.
पहला घंटा किसी की भी जान बचाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण
इस अवसर पर ओडिशा के मुख्यमंत्री, नवीन पटनायक ने कहा, "दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति के जीवन को बचाने से ज्यादा महत्वपूर्ण और पवित्र कुछ भी नहीं है." उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटना में किसी की मृत्यु होने की स्थिति में, यह केवल एक मृत्यु या एक परिवार की क्षति नहीं है बल्कि पूरे समाज की क्षति है और ऐसे दुर्भाग्यपूर्ण मामले अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित करते हैं. उन्होंने इस पहल का महत्व बताते हुए कहा कि सड़क दुर्घटना की स्थिति में, घटना के बाद का पहला घंटा किसी की भी जान बचाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है.