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Ram Katha Kunj Ayodhya: श्री राम का जीवन दर्शन देंगी रामकथा कुंज की ये मूर्तियां, दिखाएंगी श्रीराम के जीवन की झांकी, अगले साल दर्शन कर पाएंगे भक्त

अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए पत्थर तराशने का काम शुरू हुए तीन दशक बीत गए हैं. मन्दिर निर्माण की तस्वीरें भी आपने देखी ही होंगी. लेकिन हम आज आपको रामकथा कुंज में लगने वाली उन मूर्तियों के बारे में बताएंगे जिन्हें जनवरी 2024 से लोग देख पाएंगे. श्री राम का ये भव्य मंदिर 2025 में बनकर तैयार होगा.  

Ram Katha Kunj Ayodhya Ram Katha Kunj Ayodhya

राम भक्तों के लिए अच्छी खबर है. जनवरी 2024 में गर्भगृह में विराजमान होने वाले रामलला की मूर्ति दो अलग-अलग कलाकार अयोध्या में तैयार कर रहे हैं. ये मूर्तियां अक्टूबर 2023 तक बन कर तैयार हो जाएंगी. वहीं रामकथा कुंज में लगने वाली मूर्तियों के निर्माण का काम भी तेजी से चल रहा है. जिस शेड में रामलला की मूर्ति का निर्माण हो रहा है उसी के एक भाग में इसके निर्माण का काम भी चल रहा है. यह मूर्तियां सीमेंट, सरिया और कंक्रीट के मिश्रण से बनाई जा रही हैं.

श्रीराम के जीवन के अलग-अलग पहलुओं को दर्शाएंगी मूर्तियां
इन मूर्तियों को इस तरह बनाया जा रहा है कि यह श्रीराम के जीवनकाल के आरंभ से लेकर सरयू में गुप्त होने तक के सभी प्रमुख पहलुओं का एहसास कराए और उसको जीवंत बनाए. इसमें महाराज दशरथ के पुत्रेष्ठी यज्ञ से लेकर, श्री राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुध्न के जन्म, शिक्षा, वन गमन, सुपर्णखा संवाद, श्री राम रावण युद्ध समेत सारे पहलुओं को मूर्तिकला के माध्यम से दर्शाया जाएगा. फिलहाल राम जन्म से लेकर राम राज्याभिषेक तक के दृश्य पर आधारित मूर्तियां तैयार हो चुकी हैं.
  
मूर्ति कलाकार रंजीत मंडल कहते हैं, मूर्ति बनाने का काम 2013 से शुरू हुआ था. माननीय अशोक सिंघल जी ने यह काम शुरू कराया था. वही हमको 1997 में अयोध्या लाए थे. इसमें पुत्रेष्ठ यज्ञ से लेकर राज्याभिषेक तक के अलग-अलग दृश्य की मूर्तियां हैं. श्री राम के बाल रूप से लेकर राज्याभिषेक तक के रामायण के मुख्य प्रसंग पर आधारित मूर्तियां राम कथा कुंज में स्थापित की जाएंगी. मेरे साथ मेरे पिता नारायण चंद्र मंडल ने ये काम शुरू किया था. मुझे राम जन्मभूमि के राम कथा कुंज की मूर्तियां बनाने का सौभाग्य मिला, इसके लिए मैं पिछले जन्म के अपने पुण्य को मानता हूं.

चौपाइयां की जाएंगी अंकित
श्री राम मंदिर परिसर में स्थापित होने के लिए मूर्ति बनाने का काम 2014 में ही शुरू कर दिया गया था. शुरुआती दौर में यहां बुनियादी ढांचा तैयार कराने वाले अशोक सिंघल और उनके करीबी त्रिलोकी नाथ पांडे थे. त्रिलोकी नाथ पांडे श्री राम जन्मभूमि मंदिर के रामसखा के तौर पर मुख्य पक्षकार भी थे. अशोक सिंघल के साथ त्रिलोकी नाथ पांडे भी अब इस दुनिया में नहीं है लेकिन उनकी सोच और संरचना दोनों को श्री राम मंदिर ट्रस्ट साकार करने जा रही है. इन मूर्तियों को स्थापित करने के बाद इसके पीछे इससे संबंधित पेंटिंग की जाएगी और रामचरितमानस में इसके संदर्भ में लिखी चौपाइयों को अंकित किया जाएगा. मूर्तियां लंबे समय तक सुरक्षित रहें इसके लिए इसे ग्लास से कवर किया जाएगा और चारों तरफ सुसज्जित लाइटें लगाई जाएंगी.

-बनबीर सिंह की रिपोर्ट