अयोध्या को भगवान राम की नगरी कहा जाता है. इस जगह न जाने कितने साधु-संतों ने अब तक प्रभु राम की तपस्या और भजन पूजन में अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया. अब जरा सोचिए , इसी अयोध्या से प्रभु श्री राम की बारात जब निकली होगी तो क्या दृश्य रहा होगा….इस बारात में केवल मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम ही नहीं बल्कि उनके तीनों भाई लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न भी दूल्हा बने रथ पर सवार थे यानि परम प्रतापी दशरथ के चारों पुत्र दूल्हा बने हुए थे और उनकी भव्य बारात लिए राजा दशरथ जनकपुरी की ओर रवाना हो रहे थे.
धूम धाम से निकलती है भगवान राम की बारात
दरअसल, मंगलवार को भी अयोध्या में अगहन शुक्ल पक्ष की पंचमी को उसी धूम-धड़ाके के साथ राम बारात निकलती है, जिसमें बैंड बाजे, हाथी घोड़े, ढोल नगाड़े और तरह-तरह के वाद्य यंत्र बजते हैं. इस सबके बीच रथों पर सवार भगवान के स्वरूपों पर फूलों की वर्षा की जाती है और अयोध्या की जनता के साथ श्रद्धालु उनकी आरती उतारते हैं. अयोध्या में राम विवाह की तैयारियां पूरी हो चुकी है जगह जगह भगवान राम के प्रवचन हो रहे हैं. मंदिरों को रंग बिरंगी रोशनी से सजाया गया है. शादी के लिए मंडप भी सज गया है, यानि बस प्रभु की बारात निकलनी बाकि है.
50 से अधिक जिलों के लोग होंगे शामिल
कामधेनु आश्रम के महामंडलेश्वर आशुतोष दास कहते हैं, “अयोध्या का जो प्रमुख पर्व है वह राम विवाह है और राम जी का जन्म भी माना जाता है, लेकिन जिस तरह अयोध्या नाच उठती है प्रभु श्री राम के विवाह में ऐसा दृश्य विश्व में कहीं देखने को नहीं मिलता. सरयू मैया भी छल छल करके नाचती रहती हैं. साल भर इसकी प्रतीक्षा रहती है और पूरे विश्व में लोगों की प्रतीक्षा साल भर रहती है और यह बहुत ही सौभाग्य का विषय है.”
इसके बाद उन्होंने बताया कि इस विवाह में पूरे नगर वासी ही नहीं बल्कि 50 से अधिक जिलों के लोग जो अभी हनुमानगढ़ी राम जन्म भूमि का दर्शन कर रहे हैं और बारात में सभी लोग सम्मिलित होंगे. इस दौरान उनका विवाह होगा, हल्दी का कार्यक्रम होगा. बच्चे-बूढ़े-जवान सभी लोग भगवान की बारात में सम्मिलित होंगे. पूरे विधि-विधान के साथ भगवान का विवाह होगा और बारात निकलेगी.
क्या है विवाह की मान्यता?
महामंडलेश्वर कृपालु महाराज ने इस विवाह की मान्यता के बारे में बताया. वे कहते हैं, “आज हम सभी लोग समस्त देशवासी इतनी प्रसन्नता के साथ, इतने उल्लास के साथ मना रहे हैं. हम लोग पिछले 3 वर्षों से इस कार्यक्रम को इतने ढंग से नहीं कर पा रहे थे परंतु इस बार भगवान की असीम कृपा है. जब एक संसारी अपनी विवाह में कोई कसर नहीं छोड़ता, तो भगवान राम की बारात जो चक्रवर्ती महाराज दशरथ जी के राजमहल से निकल रही है उसमें कोई कसर कैसे छोड़ी जा सकती है.
उन्होंने आगे बताया कि ये शोभायात्रा बुधवार को 5:00 बजे निकलेगी. पूरे रथ के साथ ये बारात निकलने वाली है, इसमें हजारों की संख्या में लोग रहने वाले हैं.
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