रैपिड रेल (Rapid Rail) में सफर करने का सपना बहुत जल्द पूरा होने वाला है. इसका काम तेजी के साथ पूरा हो रहा है. मार्च 2023 में इसके पहले चरण के सफर को शुरू करने की तैयारी लगभग पूरी होती दिख रही है. आपको बता दें कि 82 किमी लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के आधे हिस्से यानी 41 किमी के दायरे में पिलर्स का निर्माण पूरा हो गया है. इसके साथ ही प्रायोरिटी सेक्शन को मिलाकर इस कॉरिडोर में अब तक 25 किमी तक के क्षेत्र में वायाडक्ट का निर्माण कार्य भी पूरा कर लिया गया है. इस पूरे कॉरिडोर में 2800 पिलर बनाए जाने हैं जिसमें से 1700 पिलर्स बनकर तैयार हो गए हैं. आरआरटीएस कॉरिडोर का 70 किलोमीटर हिस्सा एलिवेटेड है, जिसके लिए पिलर बनाए जाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है.
लगाई जा चुकी है 24 लॉन्चिंग गेंट्री
इस कॉरिडोर पर 41 किमी के क्षेत्र में जो पिलर्स तैयार हो चुके हैं उनपर लॉन्चिंग द्वारा वायाडक्ट का निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है. इस प्रोजेक्ट के लिए अब तक अलग-अलग स्थानों पर 24 लॉन्चिंग गेंट्री लगाई जा चुकी है, इन लॉन्चिंग गेंट्री के द्वारा अब तक निर्मित 25 किमी के वायाडक्ट में, 16 किमी से अधिक वायाडक्ट का भाग प्रायोरिटी सेक्शन में निर्मित किया गया है. कॉरिडोर पर स्टेशनों का निर्माण कार्य भी तेज़ी से हो रहा है और कुछ स्टेशनों का काम प्लेटफॉर्म लेवल तक पहुंच चुका है.
82 किमी लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के 68 किमी का एक बड़ा हिस्सा उत्तर प्रदेश में आता है, जबकि 14 किमी का हिस्सा दिल्ली में है. इस कॉरिडोर का 17 किलोमीटर का भाग प्रायोरिटी सेक्शन है जिसमें 5 स्टेशन हैं, साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो. प्रायोरिटी सेक्शन में आने वाले स्टेशनों और डिपो का निर्माण आगामी कुछ महीनों में पूरा कर लिया जाएगा. वर्तमान में, यहां वायाडक्ट पर ट्रैक बिछाने, सिग्नलिंग और ओएचई लगाने का कार्य तेजी से चल रहा है.
जल्द ही आरआरटीएस ट्रेन का ट्रायल रन होगा शुरू
गुजरात के सावली में निर्मित भारत की प्रथम आरआरटीएस ट्रेन के आगमन के लिए दुहाई डिपो में ट्रैक्स आदि बनकर तैयार हो चुके हैं तथा ट्रेन के परिचालन एवं रख रखाव की तैयारी की जा रही है. जल्द ही प्रायोरिटी सेक्शन में आरआरटीएस ट्रेन का ट्रायल रन शुरू हो जाएगा. एनसीआरटीसी, इस रीज़नल रैपिड ट्रांज़िट सिस्टम (आरआरटीएस) परियोजना को समय से पूरा करने के लिए प्रयासरत्त है. इस कॉरिडोर के प्रयोरिटी सेक्शन पर अगले साल मार्च 2023 में आरआरटीएस ट्रेनें चलाने का लक्ष्य अब अंतिम चरण में पहुँच चुका है. हालांकि इस पूरे कॉरिडोर पर ट्रेनों का संचालन वर्ष 2025 तक किया जाना है.