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मुंबई RTO की पहल...वाहन चालकों के लिए अनोखा प्रशिक्षण सेशन, दी गई 12 से 14 घंटे लगातार ड्राइव करने की ट्रेनिंग

मुंबई में सड़क हादसों को रोकने के लिए आरटीओ ने एक ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किया है. इस पहल के तहत मुंबई R.T.O ने रास्तों पर होने वाले हादसों को रोकने के लिए मुंबई के एमएलए और एमएलसी के वाहन चालकों का बुलाकर प्रशिक्षण दिया ताकि यह सारे ड्राइवर रोड सेफ्टी का महत्व समझ सकें.

RTO Training RTO Training
हाइलाइट्स
  • चालकों को दिया गया प्रशिक्षण

  • 150 वाहन चालकों ने हिस्सा लिया

पिछले कुछ समय से मुंबई और इसके आसपास के रास्तों के हालात बेहद ही खराब हैं. ऐसे में मुंबई में कुछ समय से इन गड्ढों की वजह से काफी हादसे हो रहे हैं. वहीं मुंबई में रोड सेफ्टी काफी जरूरी मुद्दा बनता जा रहा है. किस तरीके से ड्राइव करना है? किन-किन चीजों का ख्याल रखना है? यह बेहद ही जरूरी हो गया है. लगातार मुंबई में रास्तों पर होने वाले हादसे बढ़ते जा रहे हैं. आम लोग हों या खास लोग रोडी सेफ्टी को गम्भीरता से ना लेने की वजह से बड़े हादसे होते हैं जिसमें लोगों की जान भी चली जाती है.

चालकों को दिया गया प्रशिक्षण
पिछले दिनों मुंबई में एक रोड हादसे में सड़क दुर्घटना में पूर्व एमएलसी विनायक मेटे की मौत हो गयी थी. ऐसे में अब मुंबई R.T.O ने रोड सेफ्टी को लेकर लोगों को गम्भीरता से बताना शुरू किया है. इस पहल के तहत मुंबई R.T.O ने रास्तों पर होने वाले हादसों को रोकने के लिए मुंबई के एमएलए और एमएलसी के वाहन चालकों का बुलाकर  प्रशिक्षण दिया ताकि यह सारे ड्राइवर रोड सेफ्टी का महत्व समझ सकें और गाड़ियों को ध्यान से चलाएं. यहां उनका मतलब उन सेफ्टी प्रोटकाल से था जिससे कि सड़क हादसे कम हों.

ट्रेनिंग में क्या-क्या था शामिल?
मुंबई R.T.O की तरफ से रखे गए इस ट्रेनिंग सेशन में तकरीबन 150 वाहन चालकों ने हिस्सा लिया. इस प्रशिक्षण सेशन में वाहन चालकों को सड़क सुरक्षा विशेषज्ञों, गैर सरकारी संगठनों और चिकित्सा पेशेवरों ने दुर्घटनाओं से बचने, वाहनों की गति को नियंत्रित करने के लिए प्रशिक्षण और सलाह दी. इसके अलावा रात के समय ड्राइविंग, तनाव में काम करने वाले चालक और लगातार 12 से 14 घंटे तक कैसे ड्राइव किया जाए उसपर भी चर्चा की और प्रशिक्षण दिया गया.

वहीं इस प्रशिक्षण सेशन के समय ड्राइवरों को यह भी प्रशिक्षण दिया गया कि आपातकालीन स्थितियों में कैसे प्रतिक्रिया दी जाए और पीड़ितों को कैसे संभाला जाए. अस्पताल कैसे ले जाना है से लेकर प्राथमिक उपचार तक हर चीज ट्रेनिंग में शामिल थी.