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10 साल से ज्यादा पुरानी डीजल वाली गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन होगा रद्द, जानिए कब से होगा नियम लागू

परिवहन विभाग के आदेश में कहा गया है कि अगर मालिक अपने वाहनों का उपयोग जारी रखते हैं, तो उनके पास अपने 10 साल पुराने डीजल या 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलने का विकल्प भी होगा. उन्हें ऐसे वाहनों को मॉडिफाई करना होगा और उसमें इलेक्ट्रिक किट लगानी होगी

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हाइलाइट्स
  • अगले साल से लागू होगा नियम

  • इलेक्ट्रिक वाहन में बदलने का भी होगा विकल्प

  • 2016 में एनजीटी ने दिया था आदेश

अगर आपके पास भी 10 साल से पुरानी डीजल वाली गाड़ी है तो आपका रजिस्ट्रेशन रद्द किया जा सकता है. दिल्ली सरकार ने डीजल पर चलने वाली गाड़ियों को लेकर अहम फैसला लिया है. इसके तहत डीजल पर चलने वाली उन सभी गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जाएगा जो 10 साल से ज्यादा पुरानी हैं. हालांकि, इन गाड़ियों को एक नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) जारी किया जाएगा, जिससे  रजिस्ट्रेशन कहीं और किया जा सके. 

अगले साल से लागू होगा नियम 

दरअसल, ये फैसला दिल्ली सरकार ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के निर्देशानुसार लिया है. इसमें कहा गया है कि एनओसी केवल उन गाड़ियों को दिया जायेगा जिन्हें 15 साल पूरे नहीं हुए हैं. अगर आपकी गाड़ी 15 साल या उससे ज्यादा पुरानी है तो एनओसी नहीं दिया जायेगा. आपको बता दें, दिल्ली सरकार 1 जनवरी, 2022 से इस नियम को लागू करने वाली है. 

2016 में  एनजीटी ने दिया था आदेश 

गौरतलब है कि जुलाई 2016 में एक आदेश में, एनजीटी ने कहा था कि 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों के रजिस्ट्रेशन के लिए उनके निर्देश का प्रभावी ढंग से और बिना किसी चूक के अनुपालन किया जाएगा. 15 साल पुराने डीजल वाहनों का पंजीकरण रद्द करने का काम सबसे पहले किया जाना था. अब परिवहन विभाग के आदेश में भी कहा गया है कि “विभाग इस नियम को 1 जनवरी, 2022 से दिल्ली में लागू कर देगी. इसके साथ ऐसे सभी डीजल वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा,  जो उस तारीख को 10 साल पूरे कर चुके हैं या पूरे कर रहे हैं.”

इलेक्ट्रिक वाहन में बदलने का भी होगा विकल्प  

परिवहन विभाग के आदेश में कहा गया है कि अगर मालिक अपने वाहनों का उपयोग जारी रखते हैं, तो उनके पास अपने 10 साल पुराने डीजल या 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलने का विकल्प भी होगा. उन्हें ऐसे वाहनों को मॉडिफाई करना होगा और उसमें इलेक्ट्रिक किट लगानी होगी. 

इसके साथ, दूसरे सभी मामलों में, 10 साल से अधिक पुराने (डीजल) और 15 साल पुराने (पेट्रोल) वाहनों को स्क्रैप करने का एकमात्र सहारा होगा. परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस की टीम ऐसे वाहनों को जब्त कर अधिकृत वेंडरों द्वारा स्क्रैपिंग के लिए भेज रही है.