गणतंत्र दिवस समारोह में कर्तव्य पथ पर पहली बार आदिवासी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने परेड की सलामी ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जाकर शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की. पीएम मोदी और अन्य गणमान्य व्यक्ति परेड देखने के लिए कर्तव्य पथ पर मौजूद रहे. मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी समारोह में मुख्य अतिथि रहे. परंपरा के अनुसार, राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया और उसके बाद राष्ट्रगान के साथ 21 तोपों की सलामी दी गई. पहली बार औपचारिक सलामी 105-एमएम भारतीय फील्ड गन से दी गई.105 हेलीकॉप्टर यूनिट के चार एमआई-17 1वी/वी5 हेलीकॉप्टर से कर्तव्य पथ पर मौजूद दर्शकों पर पुष्पवर्षा की गई.
दूसरी पीढ़ी के सेना अधिकारियों ने संभाली कमान-
परेड की कमान दूसरी पीढ़ी के सेना अधिकारी परेड कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ संभाला. दिल्ली क्षेत्र के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल भवनीश कुमार परेड सेकेंड-इन-कमांड रहे. तीन परमवीर चक्र पुरस्कार विजेता और तीन अशोक चक्र पुरस्कार विजेता भी परेड में भाग लिया और एक "अनुभवी झांकी" का हिस्सा होगी. इस बार की थीम 'पूर्व सैनिकों की प्रतिबद्धता के संकल्प के साथ भारत के अमृत काल की ओर' है.
मिस्र के सशस्त्र बलों का बैंड भी शामिल
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न सफलताओं को प्रदर्शित किया जा रहा है, जो देश की भौगोलिक और समृद्ध सांस्कृतिक विविधता को दर्शाता है. पहली बार, मिस्र के सशस्त्र बलों का एक संयुक्त बैंड और मार्चिंग दल औपचारिक परेड में भाग लेंगे.दल में 144 सैनिक शामिल होंगे, जो मिस्र के सशस्त्र बलों की मुख्य शाखाओं का प्रतिनिधित्व करेंगे.
गणतंत्र दिवस समारोह संशोधित सेंट्रल विस्टा एवेन्यू पर होगा और पिछले साल राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ करने के बाद औपचारिक बुलेवार्ड में यह पहला समारोह होगा. इस बीच, समारोह से पहले राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
कर्तव्य पथ पर 17 झांकियां
असम, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, दादरा नगर हवेली और दमन और दीव, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु कर्नाटक और केरल जैसे राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की सत्रह झांकियां ऐतिहासिक विरासत की झलक पेश करेंगे.