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Republic Day 2024: इतिहास रचने जा रही आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल सर्विसेज की महिला टुकड़ी, पहली बार 26 जनवरी को कर्तव्य पथ पर करेगी मार्च

Republic Day Parade 2024: इस साल गणतंत्र दिवस परेड में थल सेना, नौसेना और वायु सेना से एक-एक टुकड़ी हिस्सा लेगी. एक टुकड़ी में कुल 144 महिला अधिकारी और सैनिक शामिल होंगी. 

Republic Day Parade Republic Day Parade
हाइलाइट्स
  • परेड में तीनों सेनाओं से कुल 144 महिला अधिकारी लेंगी भाग

  • MNS में कार्यरत नर्सें हैं सेना की एकमात्र महिला कमीशन अधिकारी 

हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है. इस साल 75वां गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा. इस दिन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित कर्तव्यपथ पर विशाल परेड का आयोजन किया जाता है. इस बार परेड में सेना की नारी शक्ति भी कर्तव्य पथ पर अपना दम दिखाने के लिए तैयार है. पहली बार आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल सर्विसेज की महिला टुकड़ी कदम ताल करती नजर आएगी.

कई दिनों से रिहर्सल जारी
आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल सर्विसेज (AFMS) की महिला टुकड़ी गणतंत्र दिवस परेड को लेकर कई दिनों से रिहर्सल कर रही है. इसके अलावा 26 जनवरी की परेड में तीनों सेनाओं की महिला सैनिकों का साझा दस्ता उतरेगा. थल सेना, नौसेना और वायु सेना से एक-एक टुकड़ी परेड में हिस्सा लेगी. यह परेड इस बात का प्रतीक है कि किस तरह भारतीय महिलाएं वे सारे काम कर रही हैं, जो पहले सिर्फ पुरुषों के माने जाते थे.

अग्निवीर सैनिक भी होंगी शामिल 
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक एक टुकड़ी में कुल 144 महिला अधिकारी और सैनिक शामिल होंगी. इनमें से 60 भारतीय सेना से और बाकी वायु सेना और नौसेना से शामिल की गई हैं. परेड में भाग लेने वाली महिला टुकड़ी में तीनों सेनाओं में कार्यरत अग्निवीर सैनिक भी शामिल होंगी.

युद्ध के समय दिया है अद्वितीय योगदान 
भारतीय सेना की मिलिट्री नर्सिंग सर्विसेज (एमएनएस) में कार्यरत महिला अधिकारी देश की सेना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती आई हैं. अपनी सेवा के 100 सालों के दौरान एमएनएस अधिकारियों ने युद्ध के समय अद्वितीय योगदान दिया है.

घायल सैनिकों की देखभाल करके खूब कमाया नाम
मिलिट्री नर्सिंग सर्विसेज की स्थापना ब्रिटिश शासन काल के दौरान 19वीं शताब्दी के दौरान की गई थी. नर्सिंग कौशल की बढ़ती मांग को देखते हुए भारतीय सेना में आर्मी नर्सिंग सर्विसेज की स्थापना 1888 में की गई. प्रथम विश्व युद्ध के दौरान एमएनएस अधिकारियों ने घायल सैनिकों की देखभाल करके खूब नाम कमाया.