देवभूमि उत्तराखंड में ऋषिकेश और कर्णप्रयाग के बीच रेल लाइन का सपना जल्द साकार होने वाला है. इस रेल लाइन का प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद ऋषिकेश और कर्णप्रयाग के बीच की दूरी बेहद कम हो जाएगी. साथ ही, इस प्रोजेक्ट से रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे.
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन प्रोजेक्ट (Rishikesh-Karnprayag Rail Line Project) में रेलवे का काम तेजी से चल रहा है. इस रेल लाइन के पूरा होते ही ऋषिकेश और कर्णप्रयाग के बीच यात्रा का समय 7 घंटे से घटकर सिर्फ 2 घंटे हो जाएगा. इसके अलावा इस परियोजना के पूरा हो जाने के बाद 2000 से ज्यादा लोगों को नौकरियां मिलेंगी.
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन प्रोजेक्ट के सिलसिले में सिवई कालेश्वर में अलकनंदा पर 125 मीटर के बो स्ट्रिंग रोड ब्रिज को लॉन्च करने का काम जोरों पर चल रहा है. यह पुल प्रस्तावित कर्णप्रयाग स्टेशन को उत्तराखंड में एनएच 58 से जोड़ने और यात्रा को आसान और सुलभ बनाने में मदद करेगा. इस प्रोजेक्ट को दिसंबर 2025 में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
इस प्रोजेक्ट के तहत बनेंगे 12 स्टेशन, 17 सुरंग और 35 ब्रिज
इस प्रोजेक्ट के तहत इसमें 12 स्टेशन, 17 सुरंग और 35 ब्रिज बनेंगे. इसके अलावा चमोली जिले में गौचर भट्टनगर और सिवाई में रेलवे स्टेशन भी बनने हैं. यहां अप्रोच रोड, रेल और रोड ब्रिज बनाने का काम चल रहा है.
प्रोजेक्ट के पूरा होते ही 2000 से ज्यादा लोगों को नौकरियां मिलेंगी
कर्णप्रयाग रेलवे लाइन परियोजना उत्तराखंड में निर्माणाधीन 125.20 किलोमीटर सिंगल-ट्रैक रेलवे लाइन है . इस परियोजना को बनाने में रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) , 12 स्टेशन और एलएंडटी, एचसीसी, एनईसी, मेघा वगैरह जैसे कई ठेकेदार हैं. इस परियोजना के पूरा होने से करीब 2000 से ज्यादा लोगों को नौकरियां मिलेंगी.
2024-25 तक पूरा होगा ये प्रोजेक्ट
उत्तराखंड के महत्वाकांक्षी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 4,200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. इस बजट के साथ परियोजना के निर्माण कार्यों में तेजी आएगी. यह राशि वर्ष 2021-22 के लिए प्रस्तावित है. इस बजट के मिलने से रेलवे लाइन का निर्माण जोरों से जारी रह सकेगा. सरकार ने साल 2024-25 तक कर्णप्रयाग-देवप्रयाग ब्लॉक सेक्शन का काम पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा है.