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गाजियाबाद में मोहननगर से वैशाली तक बनेगा रोपवे, निर्माण प्रक्रिया पर शुरू हुआ काम, आसान होगी ट्रेवलिंग

वैसे तो आपने रोपवे सिर्फ पहाड़ों वाले इलाके में देखए होंगे. लेकिन अब बहुत जल्द दिल्ली एनसीआर में भी आपको रोपवे देखने को मिलेंगे.

Representational Image (Photo: Unsplash) Representational Image (Photo: Unsplash)
हाइलाइट्स
  • दिल्ली एनसीआर का पहला रोपवे

  • गाजियाबाद में मोहननगर से वैशाली तक बनेगा रोपवे

दिल्ली एनसीआर के लोगों के लिए ट्रेवलिंग जल्द ही बहुत मजेदार होने वाली है. क्योंकि जल्द ही दिल्ली में रोपवे शुरू किया जा सकता है. जी हां, अब तक पहाड़ी क्षेत्रों में ही आपने रोपवे देखए होंगे पर अब दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में भी यह सुविधा शुरू करने पर काम किया जा रहा है. 

इस काम की जिम्मेदारी नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) पर है. जिनका उद्देश्य शहरों के अंदर ट्रैफिक फ्री यातायात सेवा मुहैया कराना है.  बताया जा रहा है कि एनएचएआई की सहयोगी कंपनी नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड (एनएचएलएमटी) दिल्ली-एनसीआर में रोपवे बनाने का काम करेगी. 

क्या होता है रोपवे: 

किसी केबल या रस्सी के सहारे बनाए जाने वाले रास्ते को रोपवे कहते हैं. इस पर एक ट्रॉली चलती है जिसमें बैठकर यात्री बिना कहीं रुके यात्री एक जगह से दूसरी जगह पहुंच जाते हैं. रोपवे काफी ऊंचाई पर बनते हैं इसलिए इनसे यात्रा कम समय में पूरी कर ली जाती है. ज्यादातर रोपवे का पहाड़ी इलाकों में होते हैं. पर शहरों में बढ़ती भीड़ को देखकर इसे दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में बनाने का निर्णय लिया गया है. 

कहां से कहां तक बनेगा रोपवे: 

आपको बता दें कि दिल्ली एनसीआर का पहला रोपवे गाजियाबाद में मोहननगर से वैशाली तक बनाया जा सकता है. इस दिशा में काम शुरू हो चुका है. हालांकि सबसे पहले सड़क एवं परिवहन राजमार्ग मंत्रालय की ओर से ओडी (ओरिजिन एंड डेस्टिनेशन) सर्वे किया जाएगा ताकि पता चल सके कि किस रूट पर रोपवे को बनाना आसान रहेगा.  

मोहननगर से वैशाली तक के 5.17 किलोमीटर रोपवे पर दो साल से बात चल रही है. कई बार निजी कंपनियों ने प्रपोजल भी दिए लेकिन लागत अधिक होने के कारण प्रोजेक्ट आगे नहीं बढ़ पाया. 

दिल्ली एनसीआर के लोगों को होगा फायदा:

एनएचएआई अधिकारियों के मुताबिक रोपवे प्रोजेक्ट की लागत मेट्रो और रैपिड ट्रेन से कम है. और इसे कम दूरी के रास्तों के लिए बनाना आसान है. साथ ही, यह लोगों को लिए काफी फायदेमंद है. इससे शहर में ट्रैफिक कम होगा और लोग कम समय में अपने डेस्टिनेशन तक पहुंच पाएंगे. 

साथ ही, इसे बनाने के लिए ज्यादा जगह नहीं चाहिए. और तो और इसके निर्माण से लोगों का दिल्ली एनसीआर के सभी इलाकों में आना-जाना आसान हो जाएगा.