इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा (Sam Pitroda) के विरासत टैक्स (Inheritance tax) वाले बयान पर सियासी घमासान मचा हुआ है. दरअसल सैम पित्रोदा ने एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में अमेरिका में लगने वाले विरासत टैक्स (Inheritance tax) का जिक्र किया था. लेकिन इस बयान पर विवाद बढ़ता देख कांग्रेस ने पित्रोदा के इस बयान से खुद को अलग कर लिया है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि पित्रोदा के इस बयान से पार्टी का कोई लेना देना नहीं है, यह उनके निजी विचार हैं.
पित्रोदा के इस बयान को लेकर पीएम मोदी (PM Modi) ने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा है. छत्तीसगढ़ में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस कहती है कि वो माता-पिता से मिलने वाली विरासत पर भी टैक्स लगाएगी. आप जो अपनी मेहनत से संपत्ति जुटाते हैं, वो आपके बच्चों को नहीं मिलेगी.
कैसे शुरू हुई विरासत टैक्स पर बहस
ये पूरी बहस राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के एक बयान के बाद से शुरू हुई. दरअसल राहुल गांधी ने अपने एक बयान में कहा था कि अगर चुनाव के बाद उनकी सरकार आती है तो एक सर्वे कराया जाएगा और पता लगाया जाएगा कि किसके पास कितनी संपत्ति है. राहुल गांधी के इसी बयान को लेकर जब सैम पित्रोदा से सवाल किया गया तो उन्होंने विरासत टैक्स का जिक्र किया.
सैम पित्रोदा को देनी पड़ी सफाई
सैम पित्रोदा ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा, 'मैंने टीवी पर हो रही एक सामान्य बातचीत में केवल उदाहरण के तौर पर विरासत टैक्स का जिक्र किया था. क्या मैं तथ्यों के बारे में भी बात नहीं कर सकता? मैंने कहा था कि ये ऐसे मुद्दे हैं जिन पर लोगों को बहस करनी होगी. इसका कांग्रेस या किसी भी पार्टी की पॉलिसी से कोई लेना-देना नहीं है.
#WATCH | Chicago, US: Chairman of Indian Overseas Congress, Sam Pitroda says, "...In America, there is an inheritance tax. If one has $100 million worth of wealth and when he dies he can only transfer probably 45% to his children, 55% is grabbed by the government. That's an… pic.twitter.com/DTJrseebFk
— ANI (@ANI) April 24, 2024
अमेरिका में लगता है विरासत टैक्स
सैम पित्रोदा के जिस बयान पर बवाल मचा है, उसमें 'विरासत पर लगने वाले टैक्स' की बात प्रमुख है. अमेरिका में विरासत की संपत्ति पर टैक्स लगता है. मान लीजिए, अगर किसी अमेरिकी नागरिक के पास 100 मिलियन डॉलर की संपत्ति है तो उस शख्स की मौत के बाद उसकी संपत्ति का केवल 45 प्रतिशत हिस्सा ही अपने बच्चों को दे सकता है, बाकी 55 प्रतिशत संपत्ति सरकार के पास चली जाती है. लेकिन भारत में यदि किसी के पास 100 मिलियन की संपत्ति है और वह मर गया तो उसके बच्चों को पूरी प्रॉपर्टी मिल जाती है.
अमेरिका में दो तरह के टैक्स हैं- संपत्ति कर और विरासत कर. लगभग 12 अमेरिकी राज्यों में संपत्ति कर लगाया जाता है और 6 में विरासत कर हैं. संपत्ति कर, मालिक की मृत्यु के बाद ट्रांसफर प्रॉपर्टी पर लगाया जाने वाला एक फेडरल टैक्स है. संपत्ति कर 18% से 40% तक होता है.
किन लोगों पर लगता है विरासत टैक्स
दूसरी तरफ विरासत कर उस व्यक्ति पर लगाया जाता है जिसे विरासत में संपत्ति मिली हो. यह केवल तभी लागू होता है जब संपत्ति के मालिक की मृत्यु हो गई हो. यानी की विरासत टैक्स सीधे उन लोगों पर लगता है जिन्हें विरासत में संपत्ति मिलती है. अगर इस संपत्ति से किसी तरह की कमाई होती है तो उस पर अलग से इनकम टैक्स भी लगता है. इस टैक्स का मूल्यांकन आमतौर पर किसी देश के राज्य या संघीय स्तर पर किया जाता है. यह टैक्स इस बात पर निर्भर करता है कि मरने वाला व्यक्ति किस राज्य में रहता था या उसकी संपत्ति किस राज्य में थी. ये टैक्स इस बात पर भी निर्भर करता है कि मरने वाले व्यक्ति से शख्स का रिश्ता क्या था, इसी आधार पर टैक्स स्लैब चुना जाता है.
आसान भाषा में समझें तो संपत्ति कर "आपकी मृत्यु पर प्रॉपर्टी ट्रांसफर करने के आपके अधिकार पर लगने वाला टैक्स है. इसका भुगतान उस व्यक्ति की संपत्ति से किया जाता है जिसकी प्रॉपर्टी डिस्ट्रीब्यूट होने से पहले ही मौत हो गई थी.
विरासत कर केवल तभी लागू होता है जब मरने वाला और संपत्ति हस्तांतरित करने वाला व्यक्ति उन राज्यों में से किसी एक में रहता था जहां विरासत कर लगता है. यह इस पर निर्भर नहीं है कि इस प्रॉपर्टी को पाने वाला कहां रहता है.
किन देशों में लगता है विरासत टैक्स
अमेरिका के अलावा दुनिया में कई ऐसे देश हैं जहां विरासत पर टैक्स लगाया जाता है. हालांकि भारत में इस तरह का कोई कर नहीं लगता. भारत में टैक्स पेयर विरासत में मिली हुई संपत्ति के जरिए कमाई करता है, तब उस कमाई पर टैक्स देना पड़ता है.
जापान 55%
फ्रांस 45 %
दक्षिण कोरिया 50 %
यूके 40 %
अमेरिका 40 %
स्पेन 34 %
आयरलैंड 33 %
बेल्जियम 30 %
जर्मनी 30 %
चिली 25 %
ज्यादातर देशों में विरासत कर की सीमा 40 से 50 फीसदी तक है.