हरियाणा की छोरियां किसी से कम नहीं है. हरियाणा की छोरियों ने दूध-दही को खाने वाली कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है. हरियाणा की छोरियों में कुछ कर गुजरने की चाहत होती है. वह अपने मन में जो ठान लेती है तो वह कुछ करके दिखाती है. हिसार के गांव डाटा की रहने वाली सम्मी खेल कोटे से सीधी सैन्य पुलिस में सिपाही भर्ती होने वाली पहली देश की पहली लड़की बनी हैं. वह मैदान से दौड़ कर नई ऊंचाइयों तक पहुंची है. उसका चयन खेल कोटे के आधार पर कोर ऑफ मिलिट्री पुलिस में सीधे तौर से हुआ है. सम्मी ने ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं. फिलहाल वह सीएमपी में सिपाही के पद पर रहते हुए खेल अभ्यास कर रही हैं. वह तुर्की में आयोजित कैंप में खेल प्रैक्टिस एथैलेटिक्स का प्रशिक्षण ले रही हैं.
सम्मी ने ऐसे किया अभ्यास
सम्मी डाटा गांव में कच्चे मैदान पर रोजाना दो घंटे अभ्यास करती हैं. वह स्कूल में जाकर ढाई घंटे तक पढ़ाई करती थी, और फिर से शाम को दौड़ के मैदान पर अभ्यास करती थी. उसने रोजाना चार घंटे तक कड़ा प्रशिक्षण लिया. बाद में रोहतक के एमडीयू यूनिवर्सिटी में खेल अभ्यास किया. इस समय तुर्की में एशियन चैंपियनशिप की तैयारी कर रही हैं. सम्मी ने अपनी बहन को देखकर खेल एथलेटिक्स में अभ्यास 2015 से शुरू किया. खेल के मैदान में कोच नसीब ने सम्मी को कड़ी मेहतन करवाई. उसका सपना है कि वह आगे बढ़कर खेल में अपना नाम रोशन करके देश के लिए ओलंपिक पदक जीत कर लाए. जिसके लिए वह लगातार मेहनत कर रही हैं.
सम्मी की उपलब्धियां
सम्मी दो बार खेलों इंडिया में दूसरे स्थान पर रही हैं. इसके साथ ही सम्मी कैजिया में आयोजित चैंपियनशिप में रिले दौड़ में ब्राउंज मेडल मिला हैं. 21 अप्रैल 2022 को सम्मी को कोर ऑफ मिलिट्री पुलिस में ज्वाइन किया गया.
सम्मी के पिता कुलदीप डाटा ने बताया कि उनकी बेटी की डाइट में केवल घी और दूध इस्तेमाल करती हैं. गांव के चूरमा और दूध ने खाकर शारीरिक रूप से मजबूत किया. खेलों में अव्वल स्थान हासिल किया. सम्मी के पिता ने बताया कि सम्मी पंजाब की लवली यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई कर रही है. पिता ने बताया कि वह खेती का कार्य करते हैं. सम्मी की माता सुशीला गृहिणी हैं. सम्मी के पिता के अनुसार ओलंपिक नीरज चोपड़ा से प्रेरित होकर उसने सेना को चुना ताकि वहां उसे बेहतर खेल सुविधाएं मिले. वह ओलंपिक के खेल में देश के लिए पदक लाए. जिसके लिए वह लगातार प्रैक्टिस कर रही हैं. सम्मी को रेलवे में क्लर्क की नौकरी के लिए चयनित किया गया था, लेकिन उसने रेलवे में क्लर्क की नौकरी नहीं चुनी. सम्मी ने सीएमपी में सिपाही की नौकरी को चुना है.
(हिसार से प्रवीन कुमार की रिपोर्ट)