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संजय प्रसाद बने यूपी ब्यूरोक्रेसी के नए शहंशाह, सबसे पावरफुल नौकरशाह होंगे

यूपी में वरिष्‍ठ आईएएस और मुख्यमंत्री योगी के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद को प्रमुख सचिव गृह का अतिरिक्त चार्ज दिया गया. इसके अलावा उनके पास प्रमुख सचिव सूचना भी चार्ज उनके ही पास है.

संजय प्रसाद संजय प्रसाद
हाइलाइट्स
  • 3 साल से सीएम योगी के प्रमुख सचिव हैं संजय

  • डाटा मैन माने जाते हैं संजय प्रसाद

पद के लिहाज से बेशक मुख्य सचिव या डीजीपी का पद प्रदेश का सबसे बड़ा पद माना जाता है. लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गवर्नेंस के एजेंडे के हिसाब से "गृह"और "सूचना" सबसे अहम पद हैं. जो इस पद पर बैठता है उसका कद सबसे बड़ा होता है.

अवनीश अवस्थी 31 अगस्त को रिटायर हुए और 1 सितंबर को उत्तर प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में एक बड़ा बदलाव आ गया. यूपी के टीम 9 में कई अहम नौकरशाहों को अचानक ही बदल दिया गया. लेकिन इस बदलाव में एक अहम चीज जो दिखाई दी वो ये कि मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद सबसे ताकतवर होकर उभरे. 

संजय प्रसाद को गृह और सूचना दोनों की जिम्मेदारी
संजय प्रसाद को प्रमुख सचिव गृह और प्रमुख सचिव सूचना दोनों की जिम्मेदारी एक साथ दे दी गई. यह वही पद है जो कभी अवनीश अवस्थी के पास एक साथ हुआ करता था. यानी 2017 से 2022 के दौरान जिस पद और जिस कद के साथ अवनीश अवस्थी योगी के सबसे ताकतवर नौकरशाह थे है, अब वही पद और कद संजय प्रसाद का होगा.

3 साल से सीएम योगी के प्रमुख सचिव हैं संजय
लगभग 3 सालों से संजय प्रसाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रमुख सचिव होने के साथ सीएमओ की जिम्मेदारी भी देखते रहे हैं, यही नहीं वो सचिव सूचना के पद पर भी तैनात रहे हैं. मुख्यमंत्री योगी के सबसे खासमखास अधिकारियों में शुमार है संजय प्रसाद. 1995 बैच के आईएएस अधिकारी मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं. मगर अपनी खासियतों की वजह से योगी के करीबी है.

डाटा मैन माने जाते हैं संजय प्रसाद
संजय प्रसाद की खासियत है कि आंकड़ों में उन्हें महारत हासिल है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास आंकड़ों के साथ अगर कोई कागज भेजना होता है, तो संजय प्रसाद के जरिए जाता है. क्योंकि माना जाता है विभाग का चाहे कोई भी डाटा हो या आंकड़ा संजय प्रसाद से गुजर कर आता है. 

योगी आदित्यनाथ के करीबी हैं संजय प्रसाद
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आसपास अगर साए की तरह कोई एक अधिकारी मौजूद होता है तो उनका नाम संजय प्रसाद है. वह चाहे मुख्यमंत्री आवास हो, या लोकभवन में मुख्यमंत्री का कार्यालय, या फिर मुख्यमंत्री आदित्यनाथ की यात्राएं, संजय प्रसाद चलते फिरते मुख्यमंत्री के दफ्तर के रूप में उनके साथ होते हैं. कोविड के भयावह हालात के बीच संजय प्रसाद योगी आदित्यनाथ के सबसे करीब रहे.

फिटनेस फ्रीक हैं संजय प्रसाद

संजय प्रसाद


संजय प्रसाद की दिनचर्या में उनका फिटनेस सबसे अहम हैं. हर दिन सुबह कई किलोमीटर टहलना उनकी आदत में शुमार है. अपने तमाम व्यस्त कामों के बावजूद संजय प्रसाद फिटनेस के अपने नियम को नहीं तोड़ते.

ब्यूरोक्रेसी के कुछ बड़े बदलाव
बदलाव सिर्फ नवनीत सहगल के स्तर पर ही नहीं है बल्कि एसीएस स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद को भी स्वास्थ्य से हटाकर एमएसएमई का प्रभार दिया गया है वही मनोज सिंह जो कि ग्रामीण विकास के अतिरिक्त मुख्य सचिव से उन्हें भी से हटा दिया गया है. माना जा रहा है दोनों उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य और ब्रजेश पाठक भी अपने अपने सचिवों से नाराज़ थे. बृजेश पाठक ने तो बाकायदा, स्वास्थ विभाग में हुए बड़े ट्रांसफर में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए अपने सचिव के खिलाफ मुख्यमंत्री को चिट्ठी तक लिख दी थी. इस पूरे ट्रांसफर का निचोड़ ये है कि जिस तरीके दोनों उपमुख्यमंत्री के एसीएस बदलने पड़े वैसे ही मुख्यमंत्री ने भी अपने विभागों में अपनी पसंद का बदलाव किया है. 

नवनीत सहगल हुए दरकिनार
नवनीत सहगल को जब एसीएस सूचना बनाया गया था. तब सचिव के तौर पर सूचना विभाग में मुख्यमंत्री कार्यालय के आंख कान थे. नवनीत सहगल जोकि यूपी के ताकतवर नौकरशाहों में शुमार रहे हैं. उन्हें अचानक ही किनारे लगा दिया गया एसीएस सूचना और एसीएस एमएसएमई (MSME) के पद पर तैनात रहे नवनीत सहगल को खेलकूद विभाग का एसीएस नियुक्त किया गया. इस फैसले को नवनीत सहगल के खिलाफ देखा जा रहा है और माना जा रहा है कि उन्हें सरकार ने फिलहाल किनारे लगा दिया.