scorecardresearch

Mission Shakti: Uttar Pradesh में महिला सशक्तिकरण की मिसाल, एक दिन के लिए DM, CDS बनाई गईं स्कूली छात्राएं

मिशन शक्ति एक पहल है जिसका उद्देश्य सुरक्षा, आत्मनिर्भरता के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाना है. इसी पहल के तहत राज्य सरकार अलग-अलग जिलों में छात्राओं को जिला मजिस्ट्रेट जैसे कई पदों पर बैठने का मौका दे रही है.

कुछ दिन पहले देवरिया की डीएम दिव्या मित्तल ने खुशी मणि त्रिपाठी नाम की छात्रा को जिलाधिकारी बनने का मौका दिया था. कुछ दिन पहले देवरिया की डीएम दिव्या मित्तल ने खुशी मणि त्रिपाठी नाम की छात्रा को जिलाधिकारी बनने का मौका दिया था.

उत्तर प्रदेश में महिलाओं को सशक्त और जागरूक बनाने के लिए शुरू किए गए मिशन शक्ति (Mission Shakti) अभियान का 5वां चरण प्रारंभ हो चुका है. राज्य सरकार के इस अभियान के तहत मेधावी छात्रा साक्षी को बस्ती जिले की कमान संभालने का मौका दिया गया. जिलाधिकारी (District Magistrate) कार्यालय में डीएम की कुर्सी पर नए डीएम की मौजूदगी पीड़ितों के लिए सोचने का विषय और चर्चा का कारण बन गई. हालांकि काम आम दिनों की तरह ही हुआ. 

साक्षी ने कलक्ट्रेट में बैठक आयोजित कर अफसरों को जरूरी दिशा निर्देश दिए. वहीं लोगों की समस्याओं को भी सुना. शिकायतकर्ता ने नई जिला मजिस्ट्रेट को अपनी समस्याएं बताईं. नई डीएम ने फटाफट संबंधित अधिकारियों को इन समस्याओं के निपटान का आदेश दिया. 

क्या है यूपी सरकार की यह योजना?
यूपी सरकार की वेबसाइट के अनुसार मिशन शक्ति एक पहल है जिसका उद्देश्य सुरक्षा, आत्मनिर्भरता के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाना है. जागरूकता को बढ़ावा देने, एक सुरक्षित वातावरण बनाने के साथ-साथ वर्कशॉप और ट्रेनिंग के जरिए यह मिशन महिलाओं के जीवन को बदलने और एक सशक्त समाज को बढ़ावा देना चाहता है. 

सम्बंधित ख़बरें

इसी पहल के तहत राज्य सरकार अलग-अलग जिलों में छात्राओं को जिला मजिस्ट्रेट और चीफ डेवलपमेंट ऑफिसर (CDO) जैसे पद संभालने का मौका देती है. यूपी के सोनभद्र जिले में जहां नौंवी क्लास की पल्लवी शर्मा को डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट की जिम्मेदारी दी गई, वहीं यूपी बोर्ड से हाल ही में इंटरमीडियेट परीक्षा पास करने वाली सेजल गुप्ता को जौनपुर की डीएम बनने का मौका मिला. 

वाराणसी में चीफ डेवलपमेंट ऑफिसर हिमांशु नागपाल ने बीए की स्टूडेंट कुमारी संजीवनी राजेश को अपनी कुर्सी पर बैठने का मौका दिया. कुमारी उन्नति पांडे को डिस्ट्रिक्ट ऑफिसर की भूमिका निभाने का मौका मिला. 

क्या बोलीं एक दिन की डीएम साक्षी?
बस्ती जिलाधिकारी रवीश कुमार गुप्ता ने जी.जी.आई.सी में पढ़ने वाली 12वीं कक्षा की छात्रा साक्षी को एक दिन के लिए डीएम बनाया. साक्षी को पूरे प्रोटोकॉल से बस्ती के जिलाधिकारी के कार्यालय लाया गया था. डीएम कुमार ने साक्षी को अपनी कुर्सी पर बैठाया और उसके बगल में दूसरी कुर्सी पर खुद बैठे. 

एक दिन की डीएम साक्षी ने बाकायदा लोगों की समस्याओं को सुना और उनकी शिकायतों के निस्तारण के लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों को आदेश देकर तुरंत उसका समाधान करने के लिए कहा.  

साक्षी ने कहा कि उनका सपना है वह सिविल सर्विस में जाएं. वह कहती हैं, "मुझे डीएम की कुर्सी पर बैठकर बहुत गर्व महसूस हो रहा है. एक दिन की डीएम बनकर मैं बहुत सम्मानित महसूस कर रही हूं. मेरे पास जो फरियादी अपनी फरियाद लेकर आए उनकी समस्या को मैंने सुना और संबंधित विभागों के अधिकारियों को उनकी समस्याओं को जल्द से जल्द निपटाने का आदेश दिया."