
नए संसद भवन पर विवादित अशोक स्तम्भ का शेर बनाने वाले मूर्तिकार को राजस्थान की गहलोत सरकार ने ललित कला अकादमी का अध्यक्ष बनाया है. मंगलवार को मूर्तिकार लक्ष्मण व्यास ललित कला अकादमी के अध्यक्ष नियुक्त किए गए. राजस्थान से ताल्लुक रखने वाले लक्ष्मण व्यास को राज्यमंत्री का दर्जा भी दिया गया है. दरअसल, लक्ष्मण व्यास अभी तक 300 से भी ज्यादा मूर्तियां बना चुके हैं. इतना ही नहीं बल्कि विदेशों में भी उनकी बनाई प्रतिमाएं लगी हैं.
बचपन से ही थी मूर्तिकार बनने की धुन सवार
आपको बताते चलें कि लक्ष्मण व्यास राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के नोहर के निवासी हैं. वे बचपन से ही मूर्तिकार बनना चाहते थे. हालांकि, उनके पिता उन्हें लेक्चरर बनाना चाहते थे, लेकिन उन्होंने इस दौरान उन्हें कभी मूर्तिकला से नहीं रोका. लक्ष्मण व्यास ने 12वीं के बाद राजस्थान यूनिवर्सिटी में फाइन आर्ट्स में एडमिशन लिया और मूर्तिकला में ही ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की. धीरे धीरे वे मूर्तिकला में दक्ष हो गए और फिर एक मूर्तिकार के रूप में ही काम करना शुरू कर दिया.
एक इंटरव्यू में लक्ष्मण व्यास बताते हैं कि वे अक्सर बचपन में स्कूल के बाद बरसात के मौसम में, गीली रेत से "घरोंदा" (घर) बनाते थे, और देखते देखते ये कला उनमें उभरती गई.
अभी तक बना चुके हैं 300 से ज्यादा प्रतिमाएं
पिछले 20 साल में जयपुर शहर में रहते हुए, लक्ष्मण ने लगभग 300 चीजों को गढ़ा, जिसमें मूर्तियां और विभिन्न प्रकार के प्रतीक सरकारी भवनों की छत पर रखे गए हैं. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने जब मूर्तिकला शुरू की तब पहली बार उन्होंने श्याम सिंह अटारी की एक मूर्ति बनाई थी. इसे उन्होंने वाघा बॉर्डर के पास बनाया गया था. इसके बाद उन्होंने उदयपुर में महाराणा प्रताप की 57 फुट ऊंची प्रतिमा, दिल्ली एयरपोर्ट के लिए हाथी की मूर्तियां, जवाहर लाल नेहरू, पंडित दीन दयाल उपाध्याय और इंदिरा गांधी जैसी बड़ी हस्तियों की मूर्तियां बनाई हैं.
बताते चलें कि इससे पहले, लक्ष्मण व्यास नई संसद भवन की छत पर जो राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तम्भ लगा है वह भी राजधानी जयपुर में तैयार हुआ है. इसे मूर्तिकार लक्ष्मण व्यास के निर्देशन में बनाया गया है.
(इनपुट- शरत)