भारतीय नौसेना के स्वदेश निर्मित स्टील्थ विध्वंसक, मोरमुगाओ का समुद्री परीक्षण रविवार को अरब सागर में शुरू हुआ. प्रोजेक्ट 15बी के तहत निर्मित युद्धपोत की यह पहली समुद्री यात्रा थी. यह पुर्तगाली शासन से गोवा की मुक्ति की 60वीं वर्षगांठ के साथ मेल खाती है. प्रोजेक्ट 15बी वर्ग के दूसरे स्वदेशी स्टील्थ विध्वंसक को 2022 के मध्य में सेना में शामिल करने की योजना है.
भारतीय नौसेना ने एक बयान में कहा, "जहाज को समुद्र में उतारने के लिए 19 दिसंबर शायद सबसे उपयुक्त तारीख है क्योंकि आज देश पुर्तगाली शासन से गोवा की मुक्ति के 60 साल पूरे होने का जश्न मना रहा है."
मजबूत होंगे संबंध
बयान में आगे कहा गया, "भारतीय नौसेना ने मुक्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और जहाज का नाम गोवा के समुद्री राज्य को समर्पित करने से न केवल भारतीय नौसेना और गोवा के लोगों के बीच संबंध मजबूत होंगे, बल्कि जहाज की पहचान को स्थायी रूप से महत्वपूर्ण भूमिका से भी जोड़ा जाएगा."
लड़ाकू क्षमताओं में होगी वृद्धि
परियोजना पी-15बी के तहत निर्मित पहला जहाज,आईएनएस विशाखापत्तनम 21 नवंबर को मुंबई में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था. मोरमुगाओ का निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएसएल) में किया जा रहा है. जहाज में कई विशिष्ट स्वदेशी टेक्नोलॉजी को शामिल किया गया है. नौसेना ने कहा कि मोरमुगाओ अपनी लड़ाकू क्षमताओं में महत्वपूर्ण वृद्धि करेगा.
कुल छह पनडुब्बियों का होगा निर्माण
नौसेना ने कहा,"आईएनएस विशाखापत्तनम और चौथी पी 75 पनडुब्बी आईएनएस वेला (INS Vela)के नवंबर 2021 में कमीशन के साथ, मोरमुगाओ के समुद्री परीक्षणों की शुरुआत एमडीएसएल की अत्याधुनिक क्षमताओं और आधुनिक और जीवंत भारत की मजबूत स्वदेशी जहाज निर्माण परंपरा का प्रमाण है." आईएनएस वेला का निर्माण भी मैसर्स नेवल ग्रुप एवं फ्रांस के सहयोग से एमडीएसएल मुंबई में किया गया था. इसे 9 नवंबर, 2021 को भारतीय नौसेना को दिया गया था. परियोजना के तहत कुल छह पनडुब्बियों का निर्माण किया जाना है.