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बढ़ी भारतीय नौसेना की ताकत ! पी-8आई समंदर में उड़ाएगा पाक-चीन के होश, जानें इसकी ताकत

भारतीय नौसेना की नजरें आज से और तेज़ हो जाएंगी. समंदर में निगरानी का ऑलराउंडर नौसेना की ताकत बढ़ाने आ गया है. P -8I निगरानी विमान का नया बेड़ा आज नौसेना की नई ताकत बन रहा है. इस विमान की ताकत हिंदुस्तान को समंदर का सबसे ताकतवर योद्धा बना रही है.

P-8आई विमान से बढ़ेगी भारतीय नौसेना की ताकत P-8आई विमान से बढ़ेगी भारतीय नौसेना की ताकत
हाइलाइट्स
  • अमेर‍िका से खरीदे गए हैं P-8आई विमान

  • पी-8आई के लिए पहली अंतरराष्ट्रीय ग्राहक थी भारतीय नौसेना

भारतीय नौसेना (Indian Navy) में आज यानी मंगलवार को पी-8आई विमानों (P-8I Aircraft) का दूसरा स्क्वाड्रन शामिल होने जा रहा हैं. इससे भारत की समुद्री सुरक्षा और ताकत को बढ़ावा मिलेगा. स्क्वाड्रन को 'द कॉन्डोर्स' के रूप में उपनाम दिया गया है, जो संयुक्त राज्य अमेरिका से खरीदे गए P-8I विमान को संचालित करेगा. 

नौसेना के नए स्क्वॉड्रन को आईएनएस हंसा पर तैनात किया जा रहा है. भारत और चीन के बीच बढ़े तनाव के मद्देनजर नौसेना के इस कदम को बेहद अहम माना जा रहा है. भारतीय नौसेना ने मंगलवार को गोवा में डाबोलिम के पास एक नौसैनिक हवाई स्टेशन आईएनएस हंसा में पी-8आई विमान के अपने दूसरे स्क्वाड्रन को नई लंबी दूरी की समुद्री टोही (LRMR) एयर स्क्वाड्रन आईएनएएस 316 को चालू किया.

राष्ट्रीय समुद्री हितों की रक्षा को मिलेगा बढ़ावा

स्क्वाड्रन को नौसेना में शामिल करने को लेकर नौसेना प्रमुख आर हरि कुमार ने कहा "आज की गतिशील और जटिल सुरक्षा स्थिति में, इस स्क्वाड्रन की ऑपरेशनल इफिसियंसी हमारे राष्ट्रीय समुद्री हितों की रक्षा, संरक्षण और बढ़ावा देने की हमारी क्षमता को काफी बढ़ाएगी"

अधिकारियों ने कहा INAS 316 बोइंग पी-8आई बहु-भूमिका लंबी दूरी की समुद्री टोही और पनडुब्बी रोधी युद्धक विमानों का संचालन करेगा. INAS 316 नए शामिल किए गए चार अतिरिक्त P-8I विमानों के दूसरे बैच का संचालन करेगा. पहले आठ बोइंग पी-8आई तमिलनाडु के अरक्कोनम में आईएनएस राजाली में तैनात हैं. 

पी-8आई विमानों की खासियत 

P-8I समुद्री गश्ती विमान हिंद महासागर क्षेत्र में निगरानी करने में बहुत उपयोगी है. P-8I विमान P-8A Poseidon विमान का एक प्रकार है, जिसे बोइंग ने अमेरिकी नौसेना के पुराने P-3 बेड़े के रिप्लेसमेंट के रूप में विकसित किया है.

1 जनवरी 2009 को कुल आठ विमानों के लिए 2.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर के सौदे पर हस्ताक्षर करने के बाद भारतीय नौसेना पी-8 विमान के लिए पहली अंतरराष्ट्रीय ग्राहक थी.

निगरानी का बादशाह P-8I
P-8I बोइंग कंपनी का मेरिटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट है
P-8I कई ताकतवर रडार से लैस है
इसके रडार गतिशील टारगेट को बारीकी से पहचान लेते हैं
दूसरे रडार से सिग्नल को ये बखूबी पहचान लेता है
समंदर की सतर पर मौजूद युद्धपोत को ये कई किलोमीटर दूर से ढूंढ लेता है
समंदर की सतह के नीचे मौजूद पनडुब्बियां भी इसकी नजर से बच नहीं पाती
पनडुब्बियों को ढूंढने के लिए इसमें सोनो ब्वायज लगे होते हैं 
एंटी सबमरीन वार फेयर में इस विमान को महारत हासिल है

ये विमान समंदर की सतह के नीचे छिपी पनडुब्बियों को सोनो ब्वायज की मदद से ढूंढता है. सोनो ब्वायज को विमान पैराशूट की मदद से पानी में गिरा देता है. ये सोनो ब्वॉय पनडुब्बी के सिग्नल को पहचान कर फौरन विमान को संदेश भेजते हैं. पानी की सतह पर मौजूद युद्धपोतों को भी ये सोनो ब्वाय पहचान लेते हैं.

इस विमान को समंदर में लंबी दूरी की निगरानी करने में महारत हासिल है. एक बार ये विमान आसमान में पहुंच जाए तो इसके ताकतवर रडार हर छिपे हुए खतरे को दूर से ही भांप लेते हैं. इसके नए बेड़े के शामिल होने से अब नौसेना की ताकत और बढ़ गई है.


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