नौसेना के बेड़े में एक और बाहुबली शामिल हो गया है. नेवी को लहरों पर सवार समंदर का नया महायोद्धा मिल गया है. ये अत्याधुनिक तकनीक और ताकत में बेमिसाल संगम है. हम बात कर रहे हैं Y-12705 मोरमुगाओ की. समंदर में भारतीय नौसेना की इसी ताकत को और दमदार बनाने के लिए Y-12705 मोरमुगाओ अब भारतीय नौसेना के बेड़े शामिल किया गया है. मझगांव डॉकयार्ड में प्रोजेक्ट 15 बी स्टील्थ गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर के दूसरे जहाज को नौसेना को सौंप दिया गया.
क्या है खासियत?
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक ये मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल से लैस है. सबसे बड़ी बात ये कि इसमें सतह से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइल भी मौजूद है. इसमें स्वदेशी टॉरपीडो ट्यूब लांचर, पनडुब्बी रोधी स्वदेशी रॉकेट लॉन्चर, 76 एमएम की सुपर रैपिड गन माउंट भी है. Y-12705 मोरमुगाओ की लंबाई 163 मीटर है और चौड़ाई 17 मीटर है, इसकी अधिकतम स्पीड 30 समुद्री मील है.
#WATCH: 'Rudram’ Anti-Radiation Missile fired from a Sukhoi-30 fighter aircraft off the east coast.
— ANI (@ANI) October 9, 2020
The missile, developed by Defence Research and Development Organisation, was test-fired successfully today and is the country’s first indigenous Anti Radiation missile for IAF. pic.twitter.com/qVDT3gdqEN
समुद्र के आस-पास नहीं भटकेगा दुश्मन
मतलब ये कि अब इंडियन नेवी से समंदर का एक और शहंशाह जुड़ गया है. जिसकी ताकत बेमिसाल है. ज़ाहिर है कि दुश्मन हिंदुस्तान के समुद्री सरहद के आस-पास भी नहीं फटक सकता, क्योंकि अगर उसने ऐसी हिमाकत की, तो पल भर में उसका नामोनिशान मिटा दिया जाएगा.
2011 में हुआ था अनुबंध
प्रोजेक्ट 15 बी के चार जहाजों के लिए अनुबंध पर जनवरी 2011 में हस्ताक्षर किए गए थे।. यह परियोजना कोलकाता श्रेणी के विध्वंसक की निरंतरता है, जो प्रोजेक्ट 15 ए का हिस्सा थे और पिछले दशक में कमीशन किए गए थे. 21 नवंबर को, परियोजना के प्रमुख जहाज, आईएनएस विशाखापत्तनम को भारतीय नौसेना के साथ सेवा में शामिल किया गया.