![Border Security Force (Photo Credit: India Today Group) Border Security Force (Photo Credit: India Today Group)](https://cf-img-a-in.tosshub.com/lingo/gnt/images/story/202403/65fa6a7daf13b-border-security-force-photo-credit-india-today-group-204756458-16x9.jpg?size=948:533)
अब राजस्थान से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा पर ऊंटों के साथ-साथ ट्रेंड कुत्ते भी BSF के जवानों को बार्डर गार्डिंग में मदद करेंगे. अब कुत्ते भी उनके साथी बनेंगे. BSF राजस्थान फ्रंटियर के नव पदस्थापित महानिरीक्षक मकरंद देउष्कर ने इसकी पुष्टि की है. उन्होंने जैसलमेर में अपने 3 दिवसीय सीमाई इलाकों के विजिट के बाद बताया कि राजस्थान सीमा पर कुत्तों की संख्या बढ़ाई जा रही है, उनकी ट्रेनिंग के लिए सेंटर भी बनाए जा रहे हैं.
हर खतरे के लिए तैयार है BSF
BSF के महानिरीक्षक मकरन्द देउष्कर ने बताया कि राजस्थान बॉर्डर पर सीमा पार से घुसपैठियों व नारकोटिक्स कंसाइनमेंट को घुसाने के किए जा रहे प्रयासों व नए खतरों से निपटने के लिए BSF पूरी तरह मुस्तैद व एलर्ट है. ऐसी नापाक हरकतों से निपटने के लिए सीमा चौकसी में और पैनापन लाया जा रहा है इसके अंतर्गत BSF में कुत्ते का इंडेक्सेशन किया जा रहा है. प्रत्येक बटालियन में संख्या बढ़ाई जा रही है. कुत्तों को सीमा चौकसी के लिए ट्रेंड करने के लिए ट्रेनिंग सेंटर भी बनाए जा रहे हैं. ट्रेनिंग देने की सुविधा भी बनाई जा रही हैं.
सीमा पार आ रहे ड्रग्स भी रोके जाएंगे
महानिरीक्षक ने सीमा पार से आने वाले ड्रग्स को लेकर बताया कि पुलिस, आर्मी और संबंधित एजेंसी के साथ आपसी तालमेल बिठाकर कार्य किए जाते हैं. जिसका भी अपना अपना रोल है वह निभाने का प्रयास करेगा. NCB और बीएसएफ ने जो ड्रक्स पकड़े थे उनको लेकर कार्रवाई शुरू कर दी है. मुझे विश्वास है उसमें आगे जो भी कार्रवाई होगी, उसके पीछे कौन-कौन लगे हैं और उससे जुड़े हैं उन सभी अपराधियों तक पहुंचा जाएगा.
वहीं अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारतीय सीमा में लगी हुई तारबंदी को और मजबूत करने के सवाल के संबंध में मकरन्द देउष्कर ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय भारत-पाक सीमा पर स्मार्ट फेंसिंग को लेकर जैसे-जैसे मंजूरी मिलेगी वैसे-वैसे कार्य जारी होंगे. जैसलमेर की 471 किलोमीटर सीमा पर जैसे ही मंजूरी मिलेगी तब स्मार्ट फेंसिंग का कार्य शुरू करवा दिए जाएंगे.
ड्रग है एक चैलेंज
सीमा पार से भारतीय सीमा में ड्रोन की घुसपैठ के बढ़ते खतरे के संबंध में एक सवाल के जबाब के संर्दभ में महानिरीक्षक ने कहा कि ड्रोन एक चैलेंज है उस चैलेंज से निपटने के लिए बीएसएफ ने कई कदम उठाए हैं. ड्रोन घटनाओं से सजग रहने के लिए जवानों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है. इसे सही समय पर कार्रवाई कर पाए.
इसके अलावा ड्रोन के संबंध में सीमावर्ती ग्रामीण इलाकों में ग्रामीणों का भरपूर सहयोग मिल रहा है. अगर ग्रामीण ड्रग्स की तस्करी को रोकने के लिए भरपूर सहयोग करते रहेंगे तो अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्रों में अलग अलग तरह के कार्य होते रहेंगे. गत दिनों भी गंगानगर बॉर्डर पर ग्रामीणों की मदद से कामयाबी हासिल की है.
BSF जवानों की सुविधाओं का रखा जा रहा है ख्याल
BSF के महानिरीक्षक मकरन्द देउष्कर ने बताया कि सीमा पर मुस्तैदी से तैनात BSF जवानों की सुविधाओं के लिए उनका पूरा ध्यान रखा जा रहा है. जब उनको छुट्टी चाहिए तब उनको छुट्टी दी जा रही है. ड्यूटी के दौरान उन पर बोझ कम से कम रहे इन सब चीजों के लिए सारी सुविधाएं दी जा रही हैं. इसके अलावा, किसी भी चुनौती और अपेक्षित समस्या से जूझने व लड़ने के लिए फर्स्ट लाइन ऑफ डिफेंस पूरी तरीके से तैयार है. जवानों को गर्मी व हीट स्ट्रोक से बचाव के लिए पूरे प्रबन्ध व तैयारी की गई है.
आखिर में BSF के महानिरीक्षक मकरन्द देउष्कर ने बताया कि कई सारे पाइपलाइन के प्रोजेक्ट लूप में हैं. निर्माण एजेंसी से लगातार हमारा आपसी तालमेल बना हुआ है. कुछ प्रोजेक्ट कंप्लीट हुए हैं कुछ प्रोजेक्ट शुरू नहीं हो पाए संबंधित एजेंसियों के साथ को टेक अप किया गया है उसके आलावा हमारे टैंकर की व्यवस्था है उसको भी रिव्यू किया गया है. वह आगामी गर्मियों में सुचारू रूप से पानी पहुंचाने का काम कर पाएगा.
(विमल भाटिया की रिपोर्ट)