एक सैनिक के लिए कविता लिखती है बेटी. शुरुआत कुछ यहां से-"एक अधूरा परिवार एक संपूर्ण राष्ट्र के लिए, आपकी कल्पना से परे बलिदान के लिए..." और आगे पूरी जिंदगी एक सैनिक के बारे में कि कैसे देश की रक्षा करते हुए वह शहीद हो जाता है. ज्यादा दिन नहीं हुए इस कविता को लिखे हुए. लेकिन, कौन जानता था कि वो बेटी जो सैनिक की बहादुरी पर ऐसी कविता लिखी हो, ऐसा वाकया कुछ उसके घर में ही होगा. कोई और नहीं उसके पिता ही...भाग्य ने ऐसा मोड़ लिया और उसके पिता ब्रिगेडियर लिड्डर की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई. ब्रिगेडियर लिड्डर की मौत उसी हेलीकॉप्टर दुर्घटना में हुई थी, जिसमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 10 अन्य रक्षा कर्मियों की भी मौत हो गई थी.
किरण बेदी ने साझा किया एक वीडियो
घटना को चार दिन हो चुके हैं. आप सोच रहे होंगे कि इसके जिक्र का कारण क्या है. बैठे थे हम हर दिन की तरह कुछ खबरें बना रहे थे...कुछ तलाश भी रहे थे. ट्विटर स्क्रॉल कर रहे थे. इस बीच किरण बेदी का एक पोस्ट दिखा जिसमें ब्रिगेडियर लिड्डर की बेटी आशना लिड्डर एक कविता पढ़ रही हैं..."एक अधूरा परिवार एक संपूर्ण राष्ट्र के लिए, आपकी कल्पना से परे बलिदान के लिए...".वो कविता सुनते हुए बस दिमाग में वो चेहरा घूमा जिसमें आशना अपने पिता को श्रद्धांजलि दे रही थी. ऊपर से मजबूत लेकिन अंदर से ऐसा लगा मानो टूट गई हो. यकीन मानिये खबर लिखते लिखते हम भी टूटने से लगे. वो अंतहीन दर्द, शायद बयां करने के लिए हमारे पास कोई शब्द ही नहीं है. बस संभाला खुद को...ये सोचकर कैसे ब्रिगेडियर की बेटी ने खुद को संभाला होगा. ऐसा असहनीय दर्द पाकर...
This is the poem Aashna Lidder ( daughter of Late Brigadier Lidder who lost his life in the Helicopter Crash) recited this from her own book, on Dec 3, in the Friday Book Reading session.
— Kiran Bedi (@thekiranbedi) December 10, 2021
It was ominous when u listen to it. 🥲🥲😢
Life is very mysterious pic.twitter.com/svg6aIE3Gu
मैं एक सैनिक की पत्नी हूँ- गीतिका लिड्डर
कल अपने पति को श्रद्धांजलि देने के बाद ब्रिगेडियर लिड्डर की पत्नी गीतिका लिड्डर ने अथाह हिम्मत दिखाई. उनके मुंह से बस एक शब्द भर निकला, और वो बोलीं, "मैं एक सैनिक की पत्नी हूँ..." उन्होंने नम आखों के साथ आगे कहा, "गर्व से ज्यादा दुख है... जीवन अब बहुत लंबा है लेकिन... जो भी हो. अगर भगवान यही चाहते हैं, तो हम इस नुकसान के साथ जीएंगे. लेकिन इस तरह से हम उन्हें खोना नहीं चाहते थे." ब्रिगेडियर लिड्डर को "बहुत अच्छा पिता" बताते हुए उन्होंने कहा कि आशना उन्हें याद करेंगी.
बुक लॉन्च के वक्त बेटी के साथ थे ब्रिगेडियर लिड्डर
वहीं बहादुर आशना का कहना था, "हम अच्छी यादों के साथ आगे बढ़ेंगे. यह एक राष्ट्रीय क्षति है. मेरे पिता एक नायक थे, मेरे सबसे अच्छे दोस्त." बता दें नवंबर के अंत में, ब्रिगेडियर लिड्डर दिल्ली में आशना के साथ उनकी पुस्तक, इन सर्च ऑफ ए टाइटल: म्यूज़िंग ऑफ़ ए टीनएजर नामक कविता के एक संग्रह के विमोचन के समय उनके साथ थे. किरण बेदी भी उस लॉन्च पर थीं और जनरल रावत की पत्नी मधुलिका रावत उस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि थीं. लेकिन अब एक महीने बाद जो कुछ बचा है, वो सिर्फ यादें हैं.