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सात साल की छोटी बच्ची Jewel Mariam ने एक घंटे 45 मिनट तैरकर बनाया गिनीज रिकॉर्ड

कहते हैं, अगर आप किसी काम को लेकर संकल्पित हो तो कोई भी चीज आपकी राह में बाधा नहीं बन सकती है. इसी मिसाल का एक उदाहरण है केरल की रहने वाली सात साल की छोटी सी बच्ची मरियम बेसिल. 7 साल की बच्ची मरियम बेसिल ने वेम्बनाड झील के पार तैरकर एक नया रिकॉर्ड बनाया है. शनिवार को चेरथला के थवनक्कडवु से तैरकर वो कोलोथुमकदावु तक गईं.

Representative Image (Source: Unsplash) Representative Image (Source: Unsplash)
हाइलाइट्स
  • ज्वेल को बचपन से थी तैराकी में दिलचस्पी

  • कोच ने भी की कड़ी मेहनत

कहते हैं, अगर आप किसी काम को लेकर संकल्पित हो तो कोई भी चीज आपकी राह में बाधा नहीं बन सकती है. इसी मिसाल का एक उदाहरण है केरल की रहने वाली सात साल की छोटी सी बच्ची मरियम बेसिल. 7 साल की बच्ची मरियम बेसिल ने वेम्बनाड झील के पार तैरकर एक नया रिकॉर्ड बनाया है. शनिवार को चेरथला के थवनक्कडवु से तैरकर वो कोलोथुमकदावु तक गईं.

सबसे दिलचस्प बात यह है कि छोटी बच्ची ने 1 घंटे 45 मिनट के भीतर चार किलोमीटर की दूरी तैरकर नदी पार कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है.

एक घंटे 45 मिनट में पूरा किया सफर

शनिवार को ज्वेल ने चेरथला के थवनक्कडवु से सुबह 8 बजे तैरना शुरू किया. दो नावों और तट रक्षक अधिकारियों के साथ वह एक घंटे और 53 मिनट तक तैरती रही और वैकोम के कोलोथुमकदावु बाजार में पहुंची. यहां जोरदार तालियों के साथ उसका स्वागत किया गया. ज्वेल को तैराकी में प्रशिक्षण लिए अभी एक ही साल हुआ है. 

ज्वेल को बचपन से थी तैराकी में दिलचस्पी
ज्वेल के पिता बेसिल वर्गीस ने कहा,"ज्वेल की हमेशा से तैराकी में दिलचस्पी थी. उसके कोच (बीजू थैंकप्पन) के साथ हम कोशिश कर रहे थे कि वह खुद को व्यक्त करने के तरीके खोजे. हाल ही में हमें पता चला कि सात साल की उम्र में किसी ने भी झील में चार किमी तैरने का प्रयास नहीं किया है इसलिए हमने इसे आजमाने का फैसला किया और वह ऐसा कुछ करके बहुत खुश है.”

कोच ने भी की कड़ी मेहनत 
रिकॉर्ड को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स द्वारा अनुमोदित करने की आवश्यकता है, लेकिन ज्वेल के परिवार का मानना ​​​​है कि यह उसे अपनी प्रतिभा को अधिकतम करने के लिए प्रेरित कर सकता है. कोठामंगलम में मार अथानासियस कॉलेज की एक फैक्लटी बेसिल ने कहा, "यह उल्लेखनीय है कि उसने कोई डर नहीं दिखाया, हालांकि वह पहली बार एक झील में तैर रही थी. शायद यह उसकी उम्र थी, लेकिन हमें विश्वास है कि वह तैराकी को गंभीरता से ले सकती है. ” ज्वेल की मां, अंजलि मार अथानासियस इंटरनेशनल स्कूल में काम करती हैं. ज्वेल की इस उपलब्धि में उनके कोच का भी बहुत बड़ा हाथ है.