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Shahrukh Khan, Ajay Devgan और Tiger Shroff को कंज्यूमर फोरम का नोटिस, जानें आप कैसे दाखिल कर सकते हैं अपनी शिकायत 

सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट के माध्यम से जनता को गुमराह करने के बढ़ते मामलों के बीच, यह जरूरी हो जाता है कि हर उपभोक्ता अपने अधिकारों के प्रति सतर्क रहे और किसी भी भ्रामक प्रचार के खिलाफ कानूनी कदम उठाए. अगर आपको भी किसी कंपनी, उत्पाद, या सेवा से संबंधित शिकायत है, तो आप उपभोक्ता फोरम में अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं.

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हाइलाइट्स
  • कोर्ट में कर सकते हैं शिकायत

  • शिकायत दर्ज करने की है पूरी प्रक्रिया

जयपुर की जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच (District Consumer Disputes Redressal Forum, Jaipur-II) ने बॉलीवुड के तीन बड़े सितारों- शाहरुख खान, अजय देवगन और टाइगर श्रॉफ को एक कथित भ्रामक विज्ञापन के मामले में नोटिस जारी किया है. साथ ही, इस मामले में जेबी इंडस्ट्रीज (JB Industries) के चेयरमैन को भी तलब किया गया है.

क्या है पूरा मामला?
यह नोटिस जयपुर के निवासी योगेंद्र सिंह बड़ियाल द्वारा दायर एक शिकायत के आधार पर जारी किया गया है. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि जेबी इंडस्ट्रीज द्वारा बनाया जाने वाला विमल पान मसाला का विज्ञापन जनता को गुमराह करने वाला है. इस विज्ञापन में दावा किया गया है कि पान मसाले के हर दाने में केसर मौजूद है, जबकि वास्तविकता में केसर की कीमत इतनी अधिक होती है कि महज ₹5 के पाउच में इसकी मौजूदगी असंभव है.

शिकायत के मुताबिक, “शाहरुख खान, अजय देवगन और टाइगर श्रॉफ इस पान मसाले का प्रचार केवल इसकी बिक्री बढ़ाने के लिए कर रहे हैं. विज्ञापन में कहा जाता है कि इसमें केसर मिला हुआ है, जबकि सच्चाई यह है कि केसर की कीमत करीब 4 लाख रुपये प्रति किलोग्राम है. ऐसे में, ₹5 के तंबाकू मिश्रित पान मसाले में केसर डालना तो दूर, उसकी खुशबू तक मिलाना संभव नहीं है.”

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शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि यह विज्ञापन न केवल लोगों को गुमराह कर रहा है, बल्कि सेहत के लिए हानिकारक उत्पादों को बढ़ावा देने का भी एक माध्यम बन रहा है. उन्होंने इस तरह के भ्रामक प्रचार पर तुरंत प्रतिबंध लगाने की मांग की है.

क्या कहता है उपभोक्ता कानून?
भारत में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 (Consumer Protection Act, 2019) के तहत, किसी भी भ्रामक विज्ञापन या उपभोक्ताओं को गुमराह करने वाले प्रचार पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. इस कानून के तहत, अगर कोई कंपनी, उत्पाद या सेलिब्रिटी गलत जानकारी देकर किसी प्रोडक्ट का प्रमोशन करता है, जिससे उपभोक्ताओं को नुकसान होता है, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई संभव है.

कैसे करें उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज?
अगर कोई उपभोक्ता किसी उत्पाद, सेवा, या विज्ञापन से खुद को ठगा हुआ महसूस करता है, तो वह उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज कर सकता है. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत, यह प्रक्रिया काफी सरल बनाई गई है.

1. शिकायत करने के लिए जरूरी दस्तावेज

  • शिकायतकर्ता का नाम, पता और संपर्क जानकारी
  • संबंधित उत्पाद या सर्विस की रसीद (बिल)
  • विज्ञापन की कॉपी या अन्य प्रमाण (अगर भ्रामक विज्ञापन की शिकायत है)
  • कंपनी या विक्रेता से पहले की गई शिकायत (अगर कोई हो)

2. कहां कर सकते हैं शिकायत?
उपभोक्ता शिकायतें तीन स्तरों पर दर्ज की जा सकती हैं:

  • जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग (District Consumer Disputes Redressal Commission - DCDRC) में ₹1 करोड़ तक के विवादों के लिए शिकायत दर्ज कर सकते हैं. शिकायतकर्ता अपने जिले के उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज कर सकता है.
  • राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग (State Consumer Disputes Redressal Commission - SCDRC) में ₹1 करोड़ से ₹10 करोड़ तक के मामलों के लिए शिकायत कर सकते हैं. अगर जिला उपभोक्ता फोरम के फैसले से असंतोष हो, तो अपील राज्य आयोग में की जा सकती है.
  • राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग (National Consumer Disputes Redressal Commission - NCDRC) में ₹10 करोड़ से ऊपर के विवादों के लिए शिकायत कर सकते हैं. अगर राज्य आयोग के फैसले से असंतोष हो, तो अपील राष्ट्रीय आयोग में की जा सकती है.

3. शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया

ऑनलाइन

  • उपभोक्ता हेल्पलाइन की आधिकारिक वेबसाइट (https://consumerhelpline.gov.in) पर जाकर ऑनलाइन शिकायत दर्ज की जा सकती है.
  • E-Daakhil पोर्टल (https://e-jagriti.gov.in/) के माध्यम से भी ऑनलाइन शिकायत दर्ज की जा सकती है.

ऑफलाइन

  • संबंधित उपभोक्ता फोरम में जाकर शिकायत दर्ज की जा सकती है.
  • शिकायत पत्र के साथ आवश्यक दस्तावेज अटैच करके व्यक्तिगत रूप से या डाक द्वारा भेजा जा सकता है.

4. शिकायत दर्ज करने की फीस 
शिकायत दर्ज करने के लिए मामूली फीस लगती है, जो शिकायत की राशि पर निर्भर करती है. उदाहरण के लिए:

  • ₹5 लाख तक की शिकायत पर ₹200
  • ₹5 लाख से ₹10 लाख तक की शिकायत पर ₹400
  • ₹10 लाख से ₹20 लाख तक की शिकायत पर ₹500

5. फैसला आने में कितना समय लगता है?
उपभोक्ता फोरम में मामला दर्ज होने के बाद, इसे 90 दिनों के भीतर सुलझाने का प्रावधान है. अगर किसी तकनीकी जांच की जरूरत पड़ती है, तो यह समय सीमा 150 दिन तक बढ़ सकती है.

सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट के माध्यम से जनता को गुमराह करने के बढ़ते मामलों के बीच, यह जरूरी हो जाता है कि हर उपभोक्ता अपने अधिकारों के प्रति सतर्क रहे और किसी भी भ्रामक प्रचार के खिलाफ कानूनी कदम उठाए. अगर आपको भी किसी कंपनी, उत्पाद, या सेवा से संबंधित शिकायत है, तो आप उपभोक्ता फोरम में अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं.