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तीन साल के लिए बढ़ा RBI गवर्नर का कार्यकाल, जानें कैसे

दास पहले वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के सचिव थे और उन्हें 11 दिसंबर, 2018 को तीन साल के लिए रिजर्व बैंक के प्रमुख के रूप में नियुक्त किए गए थे. इस साल 11 दिसंबर को उनका तीन साल का कार्यकाल पूरा हो रहा था. हालांकि उससे पहले केंद्र सरकार ने इस अवधि को बढ़ा दिया है.

तीन साल के दूसरे कार्यकाल के साथ दिसंबर 2024 तक आरबीआई के प्रमुख होंगे दास तीन साल के दूसरे कार्यकाल के साथ दिसंबर 2024 तक आरबीआई के प्रमुख होंगे दास
हाइलाइट्स
  • 11 दिसंबर 2018 को नियुक्त किए गए थे रिजर्व बैंक के प्रमुख

  • तीन साल के दूसरे कार्यकाल के साथ दिसंबर 2024 तक आरबीआई के प्रमुख होंगे

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास का कार्यकाल अब और बढ़ गया है. केंद्र सरकार ने शुक्रवार को शक्तिकांत दास का कार्यकाल और तीन साल के लिए बढ़ा दिया है. 28 नवंबर को जारी एक आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि सरकार ने दास को 10 दिसंबर, 2021 से आगे तीन साल की अवधि के लिए केंद्रीय बैंक के गवर्नर के रूप में फिर से नियुक्त किया है. यह निर्णय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति द्वारा लिया गया था. तीन साल के दूसरे कार्यकाल के साथ, दास दिसंबर, 2024 तक आरबीआई के प्रमुख होंगे.

11 दिसंबर को होनी थी नए प्रमुख की नियुक्ति
दास पहले वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के सचिव थे और उन्हें 11 दिसंबर, 2018 को तीन साल के लिए रिजर्व बैंक के प्रमुख के रूप में नियुक्त किए गए थे. इस साल 11 दिसंबर को उनका तीन साल का कार्यकाल पूरा हो रहा था. हालांकि उससे पहले केंद्र सरकार ने इस अवधि को बढ़ा दिया है.

दास की महत्वपूर्ण भूमिकाएं
उन्होंने वित्त, कराधान, उद्योग और बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है. श्री दास ने विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक (ADB), न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) और एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (AIIB) में भारत के वैकल्पिक गवर्नर के रूप में भी काम किया है. वित्त मंत्रालय में अपने लंबे कार्यकाल के दौरान, वह आठ केंद्रीय बजट तैयार करने से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

अवधि बढ़ने वाले पहले गवर्नर हैं दास
दास दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज से स्नातकोत्तर हैं. दास ने उर्जित पटेल की जगह ली थी. पटेल ने आरबीआई की ऑटोनॉमी सहित कई विषयों पर सरकार के साथ बढ़ते मतभेदों के बीच आश्चर्यजनक रूप से इस्तीफा दे दिया था. दास मौजूदा भाजपा सरकार के तहत विस्तार पाने वाले पहले गवर्नर हैं क्योंकि पहले के लोगों ने या तो इस्तीफा दे दिया या शिक्षाविदों में वापस जाने का फैसला किया है.