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शौर्य चक्र विजेता असिस्टेंट कमांडेंट ने पेश की मिसाल, पहले किसानों के लिए आवाज उठाई तो अब बेरोजगार छात्रों का किया समर्थन

राजस्थान में भर्तियों को लेकर उठ रहे विवादों के बीच सीआरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट ने आहत देकर अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया है. झुंझुनू जिले के रहने वाले विकास जाखड़ सीआरपीएफ में असिस्टेंट कमांडेंट हैं और उन्हें बहादूरी के लिए शौर्य चक्र से भी सम्मानित किया गया है. 

शौर्य चक्र विजेता असिस्टेंट कमांडेंट विकास जाखड़ ने दिया इस्तीफा शौर्य चक्र विजेता असिस्टेंट कमांडेंट विकास जाखड़ ने दिया इस्तीफा
हाइलाइट्स
  • शौर्य चक्र से सम्मानित हैं विकास जाखड़

  • 2018 में किसानों की मदद के लिए दे दिए थे पुश्तैनी गहने

  • अंगदान के लिए भी कर चुके हैं रजिस्टर

राजस्थान में भर्तियों को लेकर उठ रहे विवादों के बीच सीआरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट ने आहत देकर अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया है. झुंझुनू जिले के रहने वाले विकास जाखड़ सीआरपीएफ में असिस्टेंट कमांडेंट हैं और उन्हें बहादूरी के लिए शौर्य चक्र से भी सम्मानित किया गया है. 

जाखड ने सीआरपीएफ में सहायक कमांडेट के पद से अपना इस्तीफा राष्ट्रपति के नाम लिखा है और अपनी यूनिट हेड को भेज है. जाखड़ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी पत्र लिखा है कि राजस्थान में भर्ती में धांधलियां हो रही हैं. जिससे युवाओं का भविष्य खराब हो रहा है. 

विकास जाखड़ ने भर्तियों में भ्रष्टाचार रोक पाने में राजस्थान सरकार को नाकाम बताया है. और इन भर्तियों के भ्रष्टाचार का कारण माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डीपी जरोली तथा पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंदसिंह डोटासरा को बताया है. 

लौटाई ट्रेनिंग में लगी फीस: 

मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में विकास जाखड़ ने कहा है कि वह युवाओं के भविष्य के साथ हो रहे लगातार खिलवाड़ से दुखी हैं. इसलिए उन्होंने इस्तीफा दिया है. सीआरपीएफ़ में इनकी नौकरी के अभी नौ साल हुए हैं. 36 साल की नौकरी बाकी हैं. 

हालांकि नौकरी में दस साल से पहले इस्तीफा देने पर ट्रेनिंग समेत सरकार का उनपर किया सभी खर्च लौटाना होता है. शौर्य चक्र विजेता विकास जाखड ने बताया कि उन्होंने करीब सवा चार लाख रुपए जमा भी करवा दिए हैं. इस प्रक्रिया में वक्त लगता हैं, लेकिन उन्होंने इस्तीफा दे दिया है. 

अस्सिटेंट कमांडेंट विकास जाखड़

2018 में की थी किसान राहत कोष की मांग: 
 
बताया जा रहा है कि जाखड़ ने इससे पहले 2018 में किसान राहत कोष बनाने की मांग की थी और इसके लिए मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था. उस समय उन्होंने स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत अपनी पत्नी के लगभग 12 लाख रुपए के गहने झुंझुनूं के कलेक्टर दिनेश यादव को इस कोष के लिए सौंप दिए थे. 

इसके अलावा अपने पुश्तैनी 40 तोले सोने और आधा किलो चांदी के गहने भी सौंपे थे. किसानों की बदहाली से निकालने के लिए उन्होंने जल्द से जल्द किसान राहत कोष की स्थापना की माँग की थी. हालांकि तब कलेक्टर ने विकास जाखड़ का माँग पत्र तो ले लिया था, लेकिन गहने लौटा दिए थे. 

किए हैं और भी सराहनीय काम: 

जाखड़ प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष, नेशनल डिफेंस फंड और साइंस एंड टेक्नॉलोजी बोर्ड में हर महीने एक-एक हजार रुपए की सहायता देते रहे हैं. 2014 में एम्स दिल्ली में अंगदान का शपथ पत्र भी भर चुके हैं. 

 23 नवंबर 2016 को लातेहर, झारखंड के जंगलों में ऑपरेशन को अंजाम देने में सहायक कमांडेंट विकास जाखड़ का बड़ा योगदान रहा है. लातेहर के जंगलों में छिपे नक्सली देश की सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौती थे। नक्सलियों के हमले में कई जवान अपनी जान गंवा चुके थे. जवानों ने नक्सलियों तक पहुंचने के लिए रात के सन्नाटे में 23 किलोमीटर का सफर पैदल तय किया जिसका नेतृत्व विकास जाखड़ ने किया था. 

पत्नी बनी हौसला: 

परिवार के साथ

स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत विकास जाखड़ की पत्नी सुमन पूनियां ने भी कहा है कि यदि उनके पति की मांगों पर सरकार विचार नहीं करती है तो वे भी इस्तीफा देंगी. उनकी मांग है कि रीट परीक्षा को रद्द कर, उसे एक माह में फिर से करवाया जाए. रीट परीक्षा की धांधलियों की सीबीआई जांच हो. 

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डीपी जरोली को पद से हटाया जाये. नियमित कैलेंडर से परीक्षा करवाने के लिए एक कमेटी का सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जर्ज की अध्यक्षता में गठन हो. विधानसभा में नकल के खिलाफ कड़े कानून लाने की मांग की है. 

(शरत कुमार की रिपोर्ट)