scorecardresearch

शीना बोरा हत्याकांड: बेटी को बताया था बहन, जानिए क्या है इंद्राणी मुखर्जी की फिल्मी कहानी

शीना बोरा की हत्या साल 2012 में की गई थी. लेकिन इसका खुलासा साल 2015 में उस वक्त हुआ, जब अवैध बंदूक रखने के मामले में इंद्राणी मुखर्जी का ड्राइवर श्याम राय गिरफ्तार हुआ. श्याम राय ने जब हत्याकांड का खुलासा किया तो हर कोई हैरान रह गया.

शीना हत्याकांड के आरोपी इंद्राणी मुखर्जी शीना हत्याकांड के आरोपी इंद्राणी मुखर्जी
हाइलाइट्स
  • इंद्राणी मुखर्जी को 6 साल बाद मिली जमानत

  • बेटी शीना बोरा की हत्या की है आरोपी

शीना बोरा हत्याकांड में इंद्राणी मुखर्जी को जमानत मिल गई है. 6 साल से जेल में बंद इंद्राणी को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली है. इंद्राणी पर अपनी बेटी शीना की हत्या का आरोप है. इंद्राणी मुखर्जी साल 2015 से मुंबई की बायकुला जेल में बंद है. साल 2012 में शीना बोरा की हत्या कर दी गई थी. लेकिन इसका खुलासा तीन साल बाद हुआ. इस हत्याकांड में हैरान करने वाले खुलासे हुए थे. प्यार-मोहब्बत, धोखा, शोहरत, नाजायज रिश्ता और उसको छिपाने के लिए मर्डर करने की कहानी है. इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी है. चलिए हम आपको इंद्राणी मुखर्जी की पूरी कहानी बताते हैं.

इंद्राणी का बचपन-
इंद्राणी मुखर्जी की कहानी साल 1972 में गुहावाटी की सुंदरपुर कॉलोनी से शुरू होती है. इसी साल 22 नवंबर को इस कॉलोनी के मकान नंबर 8 में उसका जन्म हुआ था. इंद्राणी के पिता उपेंद्र बोरा और और मां दुर्गा इसी मकान में रहते थे. इंद्राणी को बचपन में पोरी कहकर बुलाते थे. इस परिवार को पड़ोसियों से मिलना-जुलना पसंद नहीं था. बताया जाता है कि इद्राणी के पिता ने किराए पर मकान दिए थे. जिससे अच्छी-खासी रकम मिलती थी. इंद्राणी को पढ़ने के लिए गुवाहाटी के सेंट मेरीज स्कूल भेजा गया. इंद्राणी पढ़ने में तेज थी. उसने 10वीं में 80 फीसदी से ज्यादा अंक हासिल किए थे. 

सिद्धार्थ से इंद्राणी की मुलाकात-
10वीं के बाद इंद्राणी ने गुवाहाटी के कॉटन कॉलेज में दाखिला लिया. लेकिन बीच में इंटरमीडिएट की पढ़ाई छोड़कर शिलांग के लेडी कीन कॉलेज चली आई. साल 1985 में 12वीं की परीक्षा पास की. यहीं इंद्राणी की मुलाकात सिद्धार्थ से हुई. इसके साथ वो अपने माता-पिता के साथ रहती लगी. सिद्धार्थ ने इंद्राणी के पिता की मदद से रेस्तरां खोल लिया. लेकिन वो चला नहीं सका. साल 1987 में शीना और 1988 में मिखाइल का जन्म हो हुआ. इसके बाद दोनों में तनाव बढ़ने लगा. जून 1990 में इंद्राणी पढ़ाई के लिए कोलकाता चली गई. इसके तीन दिन बाद सिद्धार्थ को घर से निकाल दिया गया. 

इंद्राणी ने बच्चों का जिम्मा मां को सौंपा-
साल 1992 में इंद्राणी ने शीना और मिखाइल की जिम्मेदारी अपने मां को सौंप दी. नाना-नानी ने दोनों बच्चों की जिम्मेदारी संभाली. सिद्धार्थ इंद्राणी की जिंदगी से बाहर जा चुके थे और इंद्राणी कोलकात में बस गई थी. शीना का नाम डिज्नीलैंड स्कूल में लिखवाया गया. शीना ने 10वीं की परीक्षा 80 फीसदी अंक से पास की. मिखाइल पढ़ाई में अच्छा नहीं था. उसका नाम भी डिज्नीलैंड स्कूल से काट दिया गया था. हालांकि बाद में उसने 10वीं की परीक्षा पास कर ली. 

कोलकाता में बदल गई जिंदगी-
इंद्राणी ने पिछली जिंदगी भुला दी और कोलकाता में नई जिंदगी शुरू की. इंद्राणी ने एक एचआर फर्म आइएनएक्स सर्विसेज शुरू की. साल 1993 में संजीव खन्ना से विवाद कर लिया. इसके बाद उसकी पहुंच रईसों के इलाकों में हो गई. साल 1997 में संजीव और इंद्राणी से एक बेटी हुई. जिसका नाम विधि है. इस दौरान इंद्राणी की एचआर फर्म भी अच्छा काम करने लगी. इसमें इंद्राणी की मदद उत्तरी बंगाल के चाय बागान के मालिक टीपी रॉय ने की. इसके बाद इंद्रामी सफलता की सीढ़ियां चढ़ती चली गई. इसके बाद धीरे-धीरे संजीव खन्ना से इंद्राणी की दूरियां बढ़ने लगी और कोलकाता का साथ भी छूट गया.

पीटर मुखर्जी से इंद्राणी की मुलाकात-
साल 2001 में इंद्राणी मुखर्जी मुंबई चली गई. इस शहर में इंद्राणी की मदद पदमसी ने की. साल 2002 में सुहेल सेठ की पार्टी में इंद्राणी की मुलाकात पीटर मुखर्जी से हुई. इसके बाद धीरे-धीरे दोनों में नजदीकियां बढ़ने लगी. इसके कुछ दिनों बाद इंद्राणी पीटर के साथ रहने लगी. तीन महीने के बाद पीटर मुखर्जी और इंद्राणी ने शादी कर ली. मुंबई में इंद्राणी मुखर्जी ने अपनी अलग कहानी बताई थी. इंद्राणी और पीटर की शादी की खबर जब उसके माता-पिता को चली. तो उन लोगों ने पैसों की दिक्कत बताकर इंद्राणी के बच्चों की परवरिश करने से इनकार कर दिया. इसके बाद इंद्राणी अपने घर पैसे भेजने लगी. साल 2006 में इंद्राणी गुवाहाटी गई और शीना बोरा को अपनी सौतेली बहन बताकर मुंबई ले आई. पीटर मुखर्जी ने उसका दाखिला सेंट जेवियर कॉलेज में करवा दिया. जबकि मिखाइल को पढ़ने के लिए पुणे भेज दिया गया. पीटर की पहली पत्नी का बेटा राहुल का शीना बोरा से जल्दी दोस्ती हो गई और जल्द ही दोनों डेट करने लगे.

आईएनएक्स मीडिया की शुरुआत-
साल 2007 में पीटर और इंद्राणी ने आईएनएक्स मीडिया की शुरुआत की. जिसमें सिंघवी को न्यूज एक्स का चेहरा बनाया गया. इंद्राणी ने प्रोग्रामिंग हेड की जिम्मेदारी संभाली. चैनल 9एक्स और संगीत चैनल 9एक्सएम की लॉन्चिंग के कुछ समय बाद ही साफ हो गया कि ये ज्यादा पैसा नहीं बना पाएगा. पीटर के सहयोगी समीर नायर स्टार को छोड़कर एनडीटीवी इमेजिन लॉन्च करने चले गए. 9एक्स की रेटिंग गिर रही थी और न्यूज एक्स अब भी शुरू नहीं हो पाया था. इसके बाद आईएनएक्स मीडिया बिक गई. मई 2011 में पीटर और इंद्राणी ने कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के पद से इस्तीफा दे दिया.

शीना बोरा हत्याकांड-
साल 2015 में इंद्राणी मुखर्जी की बेटी शीना बोरा की हत्या का खुलासा हुआ. इस हत्याकांड का खुलासा श्याम मनोहर राय की गिरफ्तारी के बाद हुआ था. दरअसल 21 अगस्त 2015 को मुंबई पुलिस ने श्माम राय को अवैध बंदूक रखने के आरोप में गिरफ्तार किया था. पूछताछ के दौरान शीना बोरा हत्याकांड का खुलासा हुआ था. आरोपी श्याम राय ने पुलिस को बताया कि साल 2012 में शीना बोरा की हत्या की थी और उसकी लाश को रायगढ़ के जंगल में जला दिया और दफना दिया. इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की और जंगल से एक महिला की लाश के हिस्से मिले. श्याम राय इंद्राणी मुखर्जी का ड्राइवर था. राय ने खुलासा किया था कि इंद्राणी ने गला दबाकर शीना बोरा की हत्या की थी. जांच में पता चला कि शीना बोरा इंद्राणी की बेटी थी, जो अपनी मां को मुंबई में घर दिलाने के लिए ब्लैकमेल कर रही थी. इंद्राणी ने पीटर मुखर्जी और सबको बताया कि शीना अमेरिका चली गई है.

शीना हत्याकांड में गिरफ्तारी-
शीना हत्याकांड के खुलासे के बाद इंद्राणी मुखर्जी को गिरफ्तार कर लिया. पीटर मुखर्जी को भी जेल भेजा गया. ट्रॉयल के दौरान अक्टूबर 2019 में इंद्राणी और पीटर का तलाक हो गया. पीटर को 2020 में जमानत मिल गई थी. हत्याकांड में मदद करने और सबूत मिटाने के आरोप में इंद्राणी के पूर्व पति संजीव खन्ना को भी गिरफ्तार किया गया.

ये भी पढ़ें: