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Shivraj Singh Chouhan: किसान का बेटा, लोगों के बीच 'मामा' की छवि, फिर ठोक रहे चुनावी मैदान में ताल, कैसे बने थे पहली बार मुख्यमंत्री, बड़ा रोचक है किस्सा

MP Assembly Election 2023: शिवराज सिंह चौहान को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने की सूचना किसी बीजेपी नेता नहीं बल्कि कांग्रेस के एक कद्दावर नेता और एक राज्य के मुख्यमंत्री ने इनके घर आकर दी थी. शिवराज 29 नवंबर 2005 को पहली बार एमपी के सीएम बने थे. 

Shivraj Singh Chauhan (file photo) Shivraj Singh Chauhan (file photo)
हाइलाइट्स
  • शिवराज सिंह चौहान पांच बार चुने जा चुके हैं सांसद

  • 29 नवंबर 2005 को पहली बार एमपी के बने थे सीएम  

Budhni Vidhan Sabha Seat: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं. विधानसभा चुनाव में यदि बीजेपी की जीत होती है तो चौहान फिर सीएम पद के लिए तैयार हैं. मध्य प्रदेश की सभी 230 सीटों के लिए 17 नवंबर को मतदान होगा है. वोटों की गिनती 3 दिसंबर 2023 को होगी. आइए जानते किसान के बेटा शिवराज सिंह चौहान कैसे पहली बार सीएम बने थे.  

ऐसे हुई राजनीति में एंट्री
शिवराज सिंह चौहान किसान के बेटे हैं. शिवराज ने अपनी पढ़ाई के लिए भोपाल पहुंचे. यहां पर उन्होंने मॉडल हाई सेकेंडरी स्कूल में दाखिला लिया. राजनीति में बचपन से ही दिलचस्पी रखने वाले शिवराज सिंह ने यहां पर भी अपनी छाप छोड़ी और 1975 में यहां से छात्र संघ अध्यक्ष चुने गए. इसके बाद से ये लंबे समय तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संगठन से जुड़े रहे. इसके बाद धीरे-धीरे इन्होंने मुख्य राजनीति में कदम रखा. शिवराज की जनता के बीच 'मामा' की छवि है.

मुख्यमंत्री बनने की सूचना कांग्रेस के एक नेता ने दी थी 
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इंटरव्यू में बताया था कि 2005 में पहली बार जब वे मुख्यमंत्री बने तो उससे पहले वे विदिशा के सांसद हुआ करते थे. वे नई दिल्ली में पंडित पंत मार्ग पर सरकारी बंगले में रहते थे. उनके पड़ोस का बंगला उस समय के रोहतक के सांसद भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा का हुआ करता था. तब मैं अपने घर में सो रहा था और तभी घर की घंटी बजी.

सीएम शिवराज ने बताया कि उसी समय उनकी पत्नी साधना सिंह ने उनको बोला कि जरा टीवी पर नजर डालिए, न्यूज चैनल में आपके नाम की पट्‌टी चल रही है. शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि उस समय उनको बहुत तेज नींद आ रही थी और उन्होंने पत्नी को बोला कि उनको सोने दिया जाए. लेकिन घर की घंटी भी बज चुकी थी. दरवाजे पर खड़े थे कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा जो पड़ोस के बंगले में रहते थे. वे अपनी पत्नी के साथ उनके घर आए और उन्होंने ही सबसे पहले उनको मिठाई खिलाकर बधाई दी कि आपको बधाई हो, आप मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बन रहे हैं.

ऐसे बने फिर सीएम
शिवराज सिंह चौहान 29 नवंबर 2005 को पहली बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे. इसके बाद से लगातार वो 2018 तक प्रदेश के सीएम बने रहे और उन्होंने अपना तीन कार्यकाल पूरा किया. 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद कमलनाथ ने सीएम पद की शपथ ली थी. लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जब विधायकों के साथ भाजपा ज्वाइन की तो उसके बाद शिवराज फिर से सीएम बन गए.

पहली बार बने विधायक
1984-85 में शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश में बीजेपी मोर्चा के संयुक्त सचिव 1985 में बनाए गए. इसके बाद  वे संगठन के लिए लगातार काम करते रहे और 1988 तक इस पद पर बरकार रहे. इसके बाद साल 1988 में उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. इसके बाद इन्होंने1991 तक इस पद को संभाल रखा. इसी दौरान 1990 के विधानसभा चुनाव के दौरान शिवराज ने बुधनी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और पहली बार विधायक बने. इसके अलावा शिवराज सिंह पांच बार सांसद भी चुने जा चुके हैं.

बुधनी विधानसभा सीट से दाखिल किया है पर्चा 
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सीहोर जिले की बुधनी विधानसभा सीट से इस बार फिर पर्चा भरा है. सीएम यहां से 31 की उम्र में चुनाव जीतकर सीएम बने थे. इस बार चुनाव बेहद दिलचस्प है. शिवराज के सामने कोई राजनीतिज्ञ नहीं, बल्कि एक टीवी कलाकार विक्रम मस्ताल को कांग्रेस ने टिकट दिया है. यह उनका पहला चुनाव है. मस्ताल टीवी सीरियल में हनुमान की भूमिका अदा कर चुके हैं.