दिल्ली में सिंगल यूज प्लास्टिक ( Single Use Plastic) के अन्य विकल्पों को बढ़ावा देने के लिए केजरीवाल सरकार नई ग्रीन स्टार्टअप पॉलिसी ला रही है. दिल्ली सरकार ने दिल्ली सचिवालय के सभी कार्यालयों में 1 जून से सिंगल यूज प्लास्टिक से उत्पादित सभी वस्तुओं को बैन करने की शुरुआत की है. लेकिन सिंगल यूज प्लास्टिक को बैन करने से सरकार के सामने दो चुनौतियाँ भी है. जिसमें सबसे पहले सिंगल यूज प्लास्टिक के उत्पादन, सप्लाई और बिक्री से जुड़े लोगों की आय पर प्रभाव और दूसरा सिंगल यूज प्लास्टिक के अन्य विकल्पों को आम जनता तक पहुँचाना है.
सिंगल यूज प्लास्टिक के अन्य विकल्पों पर सरकार कर रही चर्चा
बुधवार को दिल्ली सचिवालय में सिंगल यूज प्लास्टिक के अन्य विकल्पों पर काम करने वाले नए स्टार्ट-अप और सेल्फ हेल्प ग्रुप्स के प्रतिनिधियों और पर्यावरण विभाग, एनडीएमसी , उद्योग विभाग, डीपीसीसी , एमसीडी , दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड आदि के अधिकारियों के साथ संयुक्त बैठक की गई. इस बैठक में करीबन 17 स्टार्ट अप्स और सेल्फ हेल्प ग्रुप्स ने भाग लिया. बैठक के दौरान सिंगल यूज प्लास्टिक के अन्य विकल्पों पर काम करने वाले लोगों को कैसे बढ़ावा दिया जाए इस पर सभी के साथ चर्चा की गई.
जून के महीने में साप्ताहिक मेले का किया जाएगा आयोजन
सरकार ने जून के महीने में साप्ताहिक मेले का आयोजन करने का निर्णय लिया है , जहां यह सभी स्टार्ट अप्स और सेल्फ हेल्प ग्रुप्स अपने द्वारा उत्पादित सिंगल यूज प्लास्टिक के अन्य विकल्पों की प्रदर्शनी लगाएंगें, साथ ही जो भी लोग सिंगल यूज प्लास्टिक के उत्पादन से जुड़े हुए हैं , उनके लिए भी सरकार नई ग्रीन स्टार्टअप पॉलिसी ला रही है ताकि वह सिंगल यूज प्लास्टिक के अन्य विकल्पों के व्यवसाय में जुड़ सकें और सरकार इसके लिए उनको सहायता भी प्रदान करेगी.
एमसीडी को भी जारी किए गए निर्देश
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि सिंगल यूज़ प्लास्टिक को पूर्ण रूप से दिल्ली में बैन करने के लिए एमसीडी को भी सिंगल यूज प्लास्टिक की बिक्री से जुड़े दुकानों की एक लिस्ट बनाने के निर्देश जारी किए गए हैं. भविष्य में उन्हें सिंगल यूज प्लास्टिक के अन्य विकल्पों पर कार्य कर रहें स्टार्ट-अप्स के साथ जोड़कर आगे की कार्य परियोजना तैयार की जाएगी.