अब आप जल्द ही राशन की दुकानों से भी छोटे एलपीजी सिलेंडर ले सकेंगे. इसके साथ उपभोक्ता अन्य वित्तीय सेवाओं का भी लाभ उठा सकेंगे. हाल ही में केंद्र सरकार ने कहा है कि वह इन आउटलेट्स के माध्यम से लोगों को वित्तीय सेवा प्रदान करने पर विचार कर रही है.
खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि फेयर प्राइस शॉप (FPS) की वित्तीय व्यवहार्यता को बढ़ाने के लिए सक्रिय कदम उठाए जाएंगे. एफपीएस के माध्यम से छोटे एलपीजी सिलेंडरों की खुदरा बिक्री की योजना पर विचार किया जा रहा है."
क्या है एफपीएस (FPS)?
दरअसल, एफपीएस या फेयर प्राइस शॉप वे दुकानें होती हैं जहां राशन कार्ड धारकों को राशन दिया जाता है. इन दुकानों को सरकार द्वारा लाइसेंस दिया जाता है. जिन लोगों के पास राशन कार्ड होता वह इन दुकानों से हर महीने उन्हें उचित मूल्य पर आवश्यक वस्तुएं ले सकते हैं.
देश में हैं 5 लाख से अधिक राशन की दुकानें
डिपार्टमेंट ऑफ फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन के अनुसार, इस वक्त देश में 5.32 लाख राशन की दुकानें हैं. इनका काम राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत 80 करोड़ लाभार्थियों को सब्सिडी वाला खाद्यान्न वितरित करना है. केंद्र सरकार सिलेंडरों की रिटेल बिक्री के साथ-साथ लोन और अन्य वित्तीय सेवाओं की शुरुआत करके इस नेटवर्क को बढ़ाने चाहती है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने मीटिंग में कहा कि राशन की दुकानों के फिस्कल व्यवहार को बढ़ाने के लिए सक्रिय उपायों पर जोर देने की जरूरत है. इस बैठक में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अलावा, इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे और मंत्रालय के अनुसार राज्य सरकारों ने उनके समर्थन का वादा भी किया.
वर्चुअल बैठक में हुए कई अधिकारी शामिल
बता दें, खाद्य सचिव सुधांशु पांडे की अध्यक्षता में हुई राज्य सरकारों के साथ इस वर्चुअल बैठक में कई अधिकारी शामिल हुए. इसमें इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) के साथ-साथ CSC ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड (CSC) के अधिकारी भी उपस्थित रहे.
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