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स्मार्ट आंगनबाड़ी केंद्र में होगी बच्चों की 'स्मार्ट' पढ़ाई, टैबलेट-स्मार्ट टीवी के जरिए अक्षर सीखेंगे बच्चे

मध्य प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य मंडला जिले में एक स्मार्ट आंगनबाड़ी केंद्र शुरू किया गया है. इस आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों को आधुनिक तकनीक सिखाई जाएगी. इसके लिए टेबलेट और स्मार्ट टीवी का उपयोग किया जायेगा. इस केंद्र को स्मार्ट आंगनबाड़ी केंद्र में तब्दील करने के पहले इसको नया स्वरूप दिया गया है.

स्मार्ट आंगनवाडी स्मार्ट आंगनवाडी
हाइलाइट्स
  • स्मार्ट आंगनबाड़ी केंद्र की हुई शुरुआत

  • आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चे करेंगे टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल

आज कल राज्यों में शासन प्रशासन लगातार शिक्षा को बढ़ावा दे रहा है. मध्यप्रदेश के एक आदिवासी बाहुल्य मंडला जिले में एक स्मार्ट आंगनबाड़ी केंद्र शुरू किया गया है. यह आंगनबाड़ी केंद्र आम आंगनबाड़ी केंद्रों से बिलकुल अलग होगा. यह स्मार्ट तो होगा ही साथ ही इसे प्री-प्राइमरी स्कूल के रूप में भी तैयार किया जाएगा. ताकि जब वो किसी भी प्राइमरी स्कूल में एडमिशन ले तो किसी से भी पीछे न रहे. यहाँ बच्चे टेबलेट और स्मार्ट टीवी के जरिये अक्षर ज्ञान सीखेंगे. इसके लिए आंगनबाड़ी केंद्र की कार्यकर्ताओं को भी ख़ास तौर पर तैयार किया जायेगा. प्राइवेट प्री प्राइमरी स्कूल के लोगों के साथ मिलकर स्मार्ट आंगनबाड़ी केंद्र के लिए कोर्स तैयार किया जायेगा. आंगनबाड़ी केंद्र की कार्यकर्ताओं को ऐसा तैयार किया जाएगा, जिससे वो खुद तो टेक्नोलॉजी का उपयोग कर सके और बच्चों को उनका बेहतर इस्तेमाल सिखा सकें.

आंगनबाड़ी में बच्चों को सिखाई जाएगी नई तकनीक
मध्य प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य मंडला जिले में एक स्मार्ट आंगनबाड़ी केंद्र शुरू किया गया है. इस आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों को आधुनिक तकनीक सिखाई जाएगी. इसके लिए टेबलेट और स्मार्ट टीवी का उपयोग किया जायेगा. इस केंद्र को स्मार्ट आंगनबाड़ी केंद्र में तब्दील करने के पहले इसको नया स्वरूप दिया गया है. बच्चों की पसंद को देखते हुए वाल पेंटिंग कराई गई है. आकर्षक खिलौने रखे गए हैं. इसके कैंपस को भी विकसित किया जा रहा है. मंडला कलेक्टर हर्षिका सिंह ने बताया कि स्मार्ट आंगनबाड़ी प्रोजेक्ट के तहत पहली बार मंडला जिले के मंडला ब्लॉक के राजीव कॉलोनी में इसे शुरू किया गया है. 

टैबलेट के जरिए बच्चों को दिया जाएगा अक्षर ज्ञान
आंगनबाड़ी में जो जरूरी सुविधाएं होनी चाहिए, उन सभी चीजों का इसमें ध्यान रखा गया है. इसका मकसद बताते हुए कलेक्टर ने कहा कि यह प्राय: देखने को मिलता है कि जो आंगनबाड़ी है वह प्री-प्राइमरी स्कूल होता है. बच्चों की शैक्षणिक गुणवत्ता साथ में बच्चे खेलते हुए कैसे पढ़ाई और तैयारी करें कि जब वह प्राथमिक शाला में एडमिशन ले तो हमारे प्राइवेट स्कूल के बच्चों के बराबर खड़े हों. इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए इस आंगनबाड़ी केंद्र को बनाया गया है, जिसमें खिलौनों के अलावा कुछ टेबलेट लिए गए हैं. इन टेबलेट्स में अक्षर ज्ञान, अल्फाबेट, रीडिंग के बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी. इसके बाद स्मार्ट एलईडी लगाया गया है. कुछ कोर्स तैयार किए जा रहे हैं. ऑनलाइन कोर्स भी तैयार कराए जायेंगे, ताकि बच्चों को इन सब चीजों की पूरी जानकारी हो. इस आंगनबाड़ी केंद्र का उद्देश्य है कि बच्चे टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने में झिझके नहीं ताकी जब वो प्राइमरी स्कूल में प्रवेश ले या ज़िंदगी में आगे बढ़े तो नींव भी उतनी ही मजबूत रहे, जितनी प्राइवेट स्कूल के बच्चों की होती है.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं भी बनेंगे स्मार्ट
इस स्मार्ट आंगनबाड़ी केंद्र के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी स्मार्ट बनाया जा रहा है. कलेक्टर हर्षिका सिंह ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के छोटे-छोटे समूह तैयार किए रहे हैं. अच्छे प्राइवेट प्री प्राइमरी स्कूल के साथ बैठकर कोर्स तैयार कर रहे हैं. कोर्स मॉड्यूल के माध्यम से खेल-खेल में बच्चों को किस तरीके से टेक्नोलॉजी सिखाना है। इसके लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को तैयार किया जा रहा है ताकि जो टेक्नोलॉजी यहां इस्तेमाल कर रहे हैं उसको वे खुद भी इस्तेमाल कर सके और बच्चों को भी इसको ठीक तरह से समझा सकें.

(मंडला से सैय्यद जावेद अली की रिपोर्ट)