दलित छात्रा संस्कृति रंजन की पढ़ाई का जिम्मा अब मुंबई की एक डॉक्टर ने उठाने का फैसला किया है. संस्कृति रंजन के पास IIT-BHU में एडमिशन के लिए पैसे नहीं थे तो इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस दिनेश कुमार सिंह ने इस छात्रा की फीस भरी थी. छात्रा संस्कृति रंजन ने जेईई एडवांस में 1469वीं रैंक हासिल की थी. लेकिन पिता की बीमारी और आर्थिक हालात सही नहीं होने के चलते फीस न होने की वजह से आईआईटी बीएचयू में दाखिला नहीं ले पा रही थी.
एडमिशन लेने के लिए छात्रा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. संस्कृति के शैक्षणिक रिकॉर्ड को देखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट जस्टिस दिनेश कुमार सिंह ने आईआईटी बीएचयू को छात्रा को तीन दिन में दाखिला देने का आदेश दिया. यही नहीं जज ने खुद 15 हजार रुपये की मदद भी की थी.
अब संस्कृति की पढ़ाई का जिम्मा उठाएंगी डॉ सोनल चौहान
हाईकोर्ट में चल रहे इस मामले में दखल के लिए एक आवेदन दाखिल करते हुए डॉ सोनल चौहान ने संस्कृति रंजन की पूरी पढ़ाई का खर्चा उठाने का जिम्मा उठाया है. डॉ सोनल चौहान इस समय मुंबई के वाडिया चिल्ड्रन हॉस्पिटल में कार्यरत हैं. छात्रा की मदद के लिए आगे आई डॉ चौहान के इस कदम की खूब तारीफ होर ही है. इस मामले के बाद हाईकोर्ट की बेंच ने केंद्र और राज्य सरकारों को गरीब और वंचित छात्रों की पढ़ाई के लिए योजना बनाने को कहा है जो JEE, NEET जैसे बड़े एग्जाम्स को क्वालिफाई तो कर लेते हैं, लेकिन पैसे की कमी की वजह से अपनी पढ़ाई जारी नहीं रख पाते हैं.
अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखती हैं संस्कृति रंजन
अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखने वाली संस्कृति रंजन पढ़ाई लिखाई में शुरू से होशियार रही हैं. संस्कृति ने जेईई एडवांस में 1469 रैंक हासिल किया है.