जल्द ही जन्म प्रमाण पत्र के साथ ही बच्चों का आधार नामांकन शुरू होने जा रहा है. इस सुविधा को वर्तमान में 16 राज्यों में चल रही है. इस प्रक्रिया को साल भर पहले शुरू किया गया था. जिसे जल्द ही पूरे देश में शुरू किया जाएगा. इसे शुरू करने के लिए अन्य राज्यों में काम भी शुरू कर दिया गया है. उम्मीद लगाई जा रही है कि इसे कुछ महीनों में ही शुरू कर दिया जाएगा. दरअसल 5 साल तक के बच्चों का बायोमेट्रिक नहीं लिया जाता है. जिसके चलते उनका आधार नहीं बन पाता है.
वर्तमान में 16 राज्यों में ये सुविधा
UID के अनुसार माता-पिता के यूआईडी से जुड़ी जनसांख्यिकीय जानकारी और चेहरे की तस्वीर के आधार पर संसाधित किया जाता है. इसलिए बच्चे के 5 और 15 साल के हो जाने पर बायोमेट्रिक अपडेट यानी दस अंगुलियों, आंखों की रेटीना और फोटो की जरूरत होती है. केंद्र और राज्य की कई योजनाओं में लाभार्थियों की पहचान और प्रमाणीकरण आधार के जरिए ही किया जाता है. इसके साथ ही करीब 650 योजनाएं राज्य सरकार और 315 केंद्र सरकार द्वारा चलने वाली योजनाओं का लाभ लेने के लिए आधार की जरूरत पड़ती है.
अब तक 134 करोड़ आधार हुए जारी
एक रिपोर्ट के अनुसार अब तक 134 करोड़ आधार जारी किए जा चुके हैं. जिसमें 4 करोड़ नए नामांकन है. इस आंकड़े में नवजात शिशु और 18 साल तक के बच्चे भी शामिल है. पिछले साल केवल 30 लाख वयस्क नामांकन हुए है.
ऐसे बनता है बच्चों का आधार
सूत्रों के अनुसार अब यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि नवजात बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र के साथ आधार भी जारी किया जा सके. आधार कार्ड बनाने वाली संस्था UIDAI इस मामले में भारत के महापंजीयक के साथ काम कर रहा है. जिसके लिए तैयारियां भी जोरों पर चल रही है. फिलहाल भी जन्म प्रमाण पत्र के साथ ही बच्चों का आधार नामांकन की प्रक्रिया केवल 16 राज्यों में चल रही है. इसके तहत जब भी बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र जारी किया जाता है तो UIDAI के पास एक मैसेज जाता है. जिसके बाद बच्चे की नामांकन आईडी संख्या बन जाती है. इसके बाद जब बच्चे की फोटो और पते जैसे विवरण दर्ज हो जाते हैं तो उसका आधार बन जाता है.