वाराणसी में गंगा नदी में गोता लगाने के बाद अब बुजुर्गों और दिव्यांग श्रद्धालुओं को बाबा विश्वनाथ के दरबार तक पहुंचने में किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा. उनकी सुविधा के लिए योगी सरकार ने यात्रियों के लिए एस्केलेटर, लिफ्ट और रैंप जैसी सेवाएं लगाई हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे विश्वनाथ धाम को बाबा के दरबार में आने वाले हर भक्त के लिए आसान और सुलभ बनाने की सोची है. इस संबंध में, राज्य सरकार ने पर्यटकों की सुविधा का ध्यान रखा है. जब श्रद्धालु गंगा नदी में स्नान कर सीधे बाबा विश्वनाथ (400 मीटर की दूरी) के दरबार की ओर चलकर 'काशीपुरधिपति' के दर्शन करेंगे तो उन्हें सीढ़ियों का सहारा नहीं लेना पड़ेगा.
बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए लगाए गए एस्केलेटर और लिफ्ट
बुजुर्गों और दिव्यांग श्रद्धालुओं के सुगम आवागमन के लिए एस्केलेटर, लिफ्ट और रैंप जैसी सेवाएं लगाई हैं. इस बारे में बात करते हुए वाराणसी मंडलायुक्त और काशी विश्वनाथ मंदिर कार्यकारी समिति के अध्यक्ष दीपक अग्रवाल ने कहा, “भक्त बिना सीढ़ियां चढ़े बाबा विश्वनाथ का आशीर्वाद लेंगे. इसके लिए एस्केलेटर और लिफ्ट लगाए गए हैं और गंगा घाट से मंदिर परिसर तक रैंप बनाए गए हैं."
पीएम मोदी 13 दिसंबर को करेंगे उद्घाटन
इससे बुजुर्ग और दिव्यांग भक्त आसानी से महादेव का आशीर्वाद ले सकेंगे और अभिषेक कर सकेंगे. इसके अलावा जलमार्ग से आने वाले श्रद्धालु भी इसका लाभ उठा सकेंगे. पीएम मोदी 13 दिसंबर 2021 को श्री काशी विश्वनाथ धाम को लोगों को समर्पित करेंगे. करीब सवा 5 लाख स्क्वायर फीट में बना काशी विश्वनाथ धाम बनकर पूरी तरह तैयार है. इसे काशी विश्वनाथ कॉरिडोर भी कहा जाता है. कॉरिडोर की भव्यता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसमें छोटी-बड़ी 23 इमारतें और 27 मंदिर हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 दिसंबर को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे.