सरकारी दफ्तरों में सरकार के स्वच्छता अभियान के तहत मोदी सरकार ने 3 हफ्तों में रद्दी फाइलों, ई कचरा और फर्नीचर बेचकर करीब 254 करोड़ रुपए कमाए. इतना ही नहीं, जहां कभी ये रद्दी फाइलें होती थीं उसको जब हटा कर बेचा गया तब सेंट्रल विस्टा के बराबर करीब 37 लाख वर्ग फुट की जगह भी खाली हुई. इंडिया पोस्ट के दफ्तर ने तो ऐसी खाली जगह पर कर्मचारियों के लिए एक कैंटीन और शानदार गैलरी बना दी है.
रद्दी बेचकर कमाए करोड़ों
दिल्ली में ये इंडिया पोस्ट की कैंटीन है. नाम आंगन है. इस कैंटीन की जगह यहां पर कचरे का अंबार था जिसमे रद्दी में तब्दील हो चुकी फाइलें, टूटे पड़े फर्नीचर,खराब एसी, कूलर और कम्यूटर थे लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान से सीख लेते हुए इन्हें रद्दी में बेचा गया जिससे लाखों की कमाई हुई.
अब यहां खूबसूरत कैंटीन और शानदार गैलरी बना दी गई है. इसी तरह केंद्र सरकार के कई दफ्तरों में अभियान चलाया गया. अलग-अलग सरकारी दफ्तरों में अभियान चला जिसमें रद्दी/ई कचरा बेचकर 254 करोड़ की कमाई हुई.
- इंडियन पोस्ट के करीब 18 हज़ार
- रेलवे के 7 हजार स्टेशन
- फार्मास्यूटिकल विभाग के 6 हजार
- डिफेंस के 4 हजार 500
- गृह मंत्रालय की करीब 4900 साइट्स शामिल हैं.
- सिर्फ तीन हफ्ते में रद्दी बेचने से करीब 254 करोड़ रु की आमदनी हुई है और
- 37 लाख वर्ग फीट का एरिया दफ्तरों में खाली हुआ है जो सेंट्रल विस्टा के एरिया के बराबर है.
यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में स्वच्छ्ता अभियान की जो शुरुआत की थी उससे ना सिर्फ साफ सफाई में तेजी आई है बल्कि इससे सरकार की आमदनी भी हो रही है.