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भारत में घट रही है बांधों के स्टोरेज की क्षमता, UN स्टडी में जताई चिंता

हाल ही में हुई एक UN की स्टडी ने भारत में बने बांधों को लेकर चिंता जताई है. संयुक्त राष्ट्र की स्टडी में चेताया गया है कि भारत में लगभग 3,700 बांधों में बड़ी मात्रा में सिल्ट जमा हो रही है. जिसके कारण साल 2050 तक बांधों में पानी स्टोर करने की कुल क्षमता का 26 प्रतिशत हिस्सा कम हो जाएगा. 

भारत में घट रही है बांधों के स्टोरेज की क्षमता, UN स्टडी में जताई चिंता  भारत में घट रही है बांधों के स्टोरेज की क्षमता, UN स्टडी में जताई चिंता
हाइलाइट्स
  • जल सुरक्षा, सिंचाई, बिजली उत्पादन पर पड़ेगा असर

  • 2022 में 13 प्रतिशत स्टोरेज क्षमता कम होने का अनुमान

भारत में बने बांधों में सिल्ट यानी गाद जमा होने से पानी स्टोर करने की क्षमता लगातार कम हो रही है. संयुक्त राष्ट्र की एक नई स्टडी में इसको लेकर चिंता जताई गई है. संयुक्त राष्ट्र की स्टडी में चेताया गया है कि भारत में लगभग 3,700 बांधों में बड़ी मात्रा में सिल्ट जमा हो रही है. जिसके कारण साल 2050 तक बांधों में पानी स्टोर करने की कुल क्षमता का 26 प्रतिशत हिस्सा कम हो जाएगा. 
 
जल सुरक्षा, सिंचाई, बिजली उत्पादन पर पड़ेगा असर
ऐसा होने पर भविष्य में जल सुरक्षा, सिंचाई और बिजली उत्पादन पर बुरा असर पड़ सकता है. खास बात ये है कि केंद्रीय जल आयोग ने बड़े जलाशयों को लेकर साल 2015 में एक रिपोर्ट दी थी. जिसमें कहा गया था कि 50 साल से अधिक पुराने 141 बड़े जलाशयों में से एक चौथाई ने अपनी शुरुआती स्टोरेज का कम से कम 30 प्रतिशत हिस्सा खो दिया है. अनुमान है कि सिल्ट ने पहले ही दुनिया भर में लगभग 50 हजार बड़े बांधों की स्टोरेज क्षमता 13 से 19 प्रतिशत तक कम कर दी है.
 
UN थिंक टैंक ने की स्टडी
ये स्टडी United Nations University Institute on Water, Environment and Health (UNU-INWEH) ने की है, जिसे पानी से जुड़े मामलों के लिए UN का थिंक टैंक भी कहा जाता है. स्टडी में कहा गया है कि 150 देशों के 47,403 बड़े बांधों में 6,316 बिलियन क्यूबिक मीटर स्टोरेज क्षमता साल 2050 तक करीब 26 फीसदी घटकर 4,665 बिलियन क्यूबिक मीटर रह जाएगी. अनुमान है कि 1,650 बिलियन क्यूबिक मीटर स्टोरेज क्षमता का नुकसान मोटे तौर पर भारत, चीन, इंडोनेशिया, फ्रांस और कनाडा के सालाना जल उपयोग के बराबर है.
 
2022 में 13 प्रतिशत स्टोरेज क्षमता कम होने का अनुमान
दुनिया के सबसे ज्यादा बांध वाले एशिया-प्रशांत क्षेत्र में साल 2022 में करीब 13 प्रतिशत स्टोरेज क्षमता कम हो जाने का अनुमान है. जबकि इसी क्षेत्र में साल 2050 तक बांधों की कुल स्टोरेज क्षमता का करीब 23 प्रतिशत हिस्सा खत्म हो सकता है. एशिया प्रशांत क्षेत्र में दुनिया की 60 फीसदी आबादी रहती है जहां जल और खाद्य सुरक्षा के लिए पानी का स्टोरेज बहुत जरूरी है. जबकि दुनिया का सबसे ज्यादा बांध वाला देश चीन पहले ही 10 फीसदी स्टोरेज क्षमता खो चुका है और साल 2050 तक और 10 फीसदी स्टोरेज क्षमता कम होने का अंदेशा है
 
वाटर स्टोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर है जरूरी
किसी भी क्षेत्र के विकास के लिए वाटर स्टोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर बहुत जरूरी होता है. बड़े बांध और जलाशय से हाइड्रोइलेक्ट्रिसिटी, बाढ़ नियंत्रण, सिंचाई और पीने के पानी समेत तमाम दूसरे जरूरी इंतजाम करने में मदद मिलती है. बांध में साल दर साल सिल्ट जमा होने से उसकी स्टोरेज क्षमता तो कम होती ही है, साथ ही बांध के टिकने की मियाद पर भी असर पड़ता है.