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लॉरेंस गैंग के विरोधी बंबीहा गैंग की कहानी जानिए, हिंदुस्तान से आर्मेनिया तक फैला है जाल

पंजाब, हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर में जुर्म की दुनिया में दबदबे की लड़ाई आम है. लॉरेंस बिश्नोई गैंग और बंबीहा गैंग की कहानी भी ऐसी ही है. दोनों गैंग एक-दूसरे को जुर्म की दुनिया में पीछे छोड़ने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं. दोनों की दुश्मनी जगजाहिर है. लॉरेंस गैंग और बंबीहा गैंग एक दूसरे के धुर विरोधी हैं.

गैंगस्टर दविंदर सिंह सिद्धू गैंगस्टर दविंदर सिंह सिद्धू
हाइलाइट्स
  • लॉरेंस गैंग और बंबीहा गैंग धुर विरोधी हैं

  • दविंदर बंबीहा कबड्डी का खिलाड़ी था

जुर्म की दुनिया में लॉरेंस बिश्नोई गैंग का दबदबा था. लेकिन उनसे धुर विरोधी टिल्ली ताजपुरिया और नीरज बवाने से हाथ मिलाकर बंगीहा गैंग लॉरेंस को चुनौती देने लगा. दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा ममें अपनी ताकत बढ़ाने लगा. बताया जाता है कि बंबीहा गैंग में 300 से ज्यादा शूटर हैं, जो किसी भी वारदात को अंजाम देने की काबिलियत रखते हैं.

बंबीहा गांव से शुरू हुई कहानी-
मोगा के बंबीहा गांव में जन्में दविंदर बंबीहा का असली नाम दविंदर सिंह सिद्धू था. जुर्म की दुनिया में आने से पहले वह एक लोकप्रिय कबड्डी खिलाड़ी हुआ करता था. साल 2010 में जब वह कॉलेज में ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहा था, तब उसका नाम एक कत्ल के मामले में सामने आया था. यह वारदात उसके गांव में दो समूहों में हाथापाई के बीच हुई थी. हत्या के मामले में उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. जिसके बाद वो जेल में कई गैंगस्टरों के संपर्क में आया और फिर खतरनाक शार्प शूटर बन गया. 9 सितंबर 2016 को बठिंडा जिले के रामपुरा के पास गिल कलां में 26 साल के दविंदर बंबीहा को एक मुठभेड़ में पंजाब पुलिस ने मार गिराया था.

लकी पटियाल ने संभाली कमान-
बंबीहा के एनकाउंटर के बाद इस गैंग की कमान गौरव उर्फ़ लकी पटियाल संभालने लगा. चंडीगढ़ का रहने वाला लकी पटियाल पंजाब का बड़ा गैंगस्टर है, जो पहले पहले कत्ल, कत्ल की कोशिश और Extortion जैसे मामले में जेल में बंद था. हालांकि वो बाद में आर्मेनिया भाग गया था. जबकि दूसरा गैंगस्टर मोगा जिले के कुसा गांव का रहने वाला सुखप्रीत सिंह बुडाह है, जो अभी भी संगरूर जेल में बंद हैं. हाल ही में जालंधर में अंतरराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी संदीप नांगल अंबिया की हत्या को भी बंबिहा गैंग ने ही अंजाम दिया था. इस गैंग ने दिल्ली, हरियाणा के गैंगस्टर और लॉरेंस के धुर विरोधी सुनील उर्फ टिल्लू ताजपुरिया और नीरज बवाना गिरोह से हाथ मिला लिया है और दिल्ली-एनसीआर में अपना नेटवर्क मजबूत कर लिया. बताया जाता है कि लकी पटियाल गैंग में हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 300 से ज़्यादा शूटर शामिल हैं. लकी कई सालों से आर्मेनिया में बैठकर गिरोह चला रहा है. पंजाब पुलिस चार सालों से उसे प्रत्यर्पण कर भारत लाने में जुटी हुई है.

पुलिस की गिरफ्त में आया लकी पटियाल-
हाल ही में दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की काउंटर इंटेलीजेंस ने कई राज्यों में छापा मारा और कुख्यात गैंगस्टर लकी पटियाल और कौशल गिरोह के 12 कुख्यात बदमाशों को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार बदमाशों में आठ पर दिल्ली, हरियाणा व राजस्थान पुलिस ने इनाम घोषित है. अक्टूबर 2020 में चंडीगढ़ के औद्योगिक क्षेत्र स्थित वेव मॉल के बाहर गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के करीबी सोपू नेता गुरलाल बराड़ की हत्या मामले में चंडीगढ़ पुलिस ने एक बड़ा खुलासा किया था. पुलिस अफसरों के मुताबिक गुरलाल की हत्या की साजिश विदेश में रह रहे गैंगस्टर गौरव पटियाल उर्फ लक्की ने रची थी और शूटरों को पंजाब की जेल में बंद गैंगस्टर दिलप्रीत उर्फ बावा ने हथियार मुहैया करवाए थे. 7 अगस्त 2021 को  मोहाली के सेक्टर 71 बाजार में एक प्रापर्टी डीलर की दुकान के सामने विक्रमजीत सिंह उर्फ ​​विक्की मिड्दुखेड़ा की हत्या आर्मेनिया के दविंदर बंबिहा गिरोह को चलाने वाले गौरव पटियाल उर्फ ​​लकी से जुड़ी है. विकी मिद्दुखेड़ा की हत्या के बाद दविंदर बंबिहा गैंग ने इसकी जिम्मेदारी ली थी. पुलिस जांच के दौरान पता चला कि गुरुग्राम के नाहरपुर रूपा गांव निवासी कौशल चौधरी, जो अब करनाल जेल में बंद है. उसने लकी पटियल की मदद के लिए अपने गिरोह के भगोड़े सदस्यों के साथ मिलकर इस साज़िश को अंजाम दिया था. दरअसल गौरव पटियाल उर्फ ​​लकी ने ही मंडोली जेल में बंद कौशल चौधरी और अमित डागर की मदद से विक्की मिड्दुखेड़ा के कत्ल की साजिश रची थी. जिसके बाद अमित डागर के आदेश पर हरियाणा के झज्जर के सज्जन भोलू और दिल्ली के अनिल कुमार ने मिद्दुखेड़ा का पीछा कर गोली मारकर हत्या कर दी थी.

म्यूजिक इंडस्ट्री में वर्चस्व की जंग-
दरअसल म्यूजिक इंडस्ट्री में वर्चस्व की जंग ने विक्की मिड्‌डूखेड़ा की जान ले ली। जानकारी के मुताबिक़  Vicky Middukheda एक ऐसा शख़्स था जिसका पंजाब संगीत जगत में ज़बरदस्त दबदबा था. इसीलिए बड़े-बड़े सिंगर उनके संपर्क में रहते थे. बस उसकी यही बात पंजाब के कुछ दूसरे सिंगर्स और उनसे जुड़े गैंगस्टर्स को बिल्कुल भी पसंद नहीं थी. जिस वजह से धीरे-धीरे करके उनके दुश्मन बन रहे थे. विक्की मिड्‌डूखेड़ा की हत्या की दूसरी सबसे बड़ी वजह थी. उसकी नज़दीकियां लॉरेंस बिश्नोई गैंग से बढ़ती ही जा रही थी, जिस वजह से यह दूसरे गैंगस्टर्स की आंखों की किरकिरी बना हुआ था.
(दिल्ली से तनसीम हैदर की रिपोर्ट)

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