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Success Story: होटल का वेटर बना यूपी में नायब तहसीलदार, हिमांशु के संघर्ष से सफलता की कहानी बनी प्रेरणा

Himanshu Kumar Naib Tehsildar in UP: यूपी के कानपुर के रहने वाले हिमांशु कुमार के संघर्ष की कहानी इन दिनों चर्चा में है. हिमांशु का यूपी में नायब तहसीलदार के पद पर चयन हुआ है. उनकी कहानी इसलिए भी खास है, क्योकि उन्होंने एक होटल में वेटर का कार्य करते हुए इस मुकाम को पाया है.

यूपी में नायब तहसीलदार बने हिमांशु के संघर्ष की कहानी. यूपी में नायब तहसीलदार बने हिमांशु के संघर्ष की कहानी.
हाइलाइट्स
  • फौज में जाना चाहते थे हिमांशु कुमार

  • होटल वेटर का काम करते हुए पाई ये सफलता

Success Story Himanshu Kumar: जीवन में कोई भी लक्ष्य आपके हौसले और साहस से बड़ा नही हो सकता. फिर चाहे बाधाएं कैसी भी हो, लेकिन उनको पार करके सफलता आपके कदम चूम ही लेती है. हर मुश्किल को आसान कर अपने सपनों को पूरा करने की ये कहानी हिमांशु की है. बहादुरगढ़ के जाखौदा मोड़ बाईपास पर स्थित देशी ढाणी होटल में वेटर का काम करने वाला हिमांशु उत्तर प्रदेश में नायब तहसीलदार बन गया है. वेटर से नायब तहसीलदार के इस सफर में कई बाधाएं आई. कई बार हौसला भी जवाब देने लगा. लेकिन हर बार खुद को संभालते हुए हिमांशु ने अपने लक्ष्य पर फोकस बनाए रखा और यूपी पीसीएस की परीक्षा पास कर सफलता की दिशा में तेजी से अपना कदम बढ़ा दिया. हिमांशु की सफलता से देशी ढाणी होटल का स्टाफ और परिवार बेहद खुश है.

बधाई देने वालों का लगा रहा तांता

हिमांशु की इस सफलता के बाद देशी ढाणी होटल पर उनका जोरदार स्वागत किया. भारतीय तैराकी संघ के उपप्रधान, हरियाणा ओलम्पिक संघ के महासचिव और हरियाणा तैराकी संघ के महासचिव अनिल खत्री ने फूलमाला और मिठाई खिलाकर हिमांशु को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी है. होटल मालिक सुनील खत्री और विकास खत्री ने भी फूलमाला पहनाकर हिमांशु को बधाई दी है. देशी ढाणी के स्टाफ ने भी अपने साथी की सफलता पर उसे मिठाई खिलाकर शुभकानाएं दी है. 

कानपुर के रहने वाले हैं हिमांशु

हिमांशु उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर के पास ओरैया का रहने वाला है. पिता रेलवे में कर्मचारी थे. कुछ समय पहले उनका देहातं हो गया. हिमांशु के दो छोटे भाई भी हैं. जो फिलहाल पढ़ाई कर रहे हैं. माता पिता का परिवार को संभालने में साथ देने के लिए हिमांशु ने पढ़ाई के बाद काम शुरू कर दिया था. पहले बैंक के ग्राहक सेवा केन्द्र में काम किया. उसके बाद देशी ढाणी होटल पर वेटर का काम करने लगा. हालांकि उसने कभी अपने घर पर नही बताया कि वो वेटर का काम करता है. हिमांशु के जीवन में कई बार वो पल आया जब उसे प्याज रोटी खाकर ही सोना पड़ा था. लेकिन उसने कभी हार नही मानी. परिस्थितियों से जब वो टूट रहा था तो अकेले में जाकर आंसू भी बहाए लेकिन कभी अपने लक्ष्य को औजल नही होने दिया. हिमांशु का कहना है कि वो दिन में काम करता और रात में अपनी पढ़ाई करता था. होटल स्टाफ और मालिक से भी उसे पढ़ाई और परिवार को चलाने में काफी मदद मिली है.

संघर्ष भरा रहा है हिमांशु का सफर

वेटर से नायब तहसीलदार के इस सफर में हिमांशु ने खाना परोसने के साथ टेबल साफ करने, बर्तन धोने और झाडू पौछा लगाने का  भी काम किया. उसने कभी किसी काम को छोटा या बड़ा नही समझा. देशी ढाणी के मालिक सुनील खत्री ने बताया कि हिमांशु बेहद लग्नशील और मेहनती युवा है. उसने कभी काम से जी नही चुराया. हमेशा हंसते हुए हर काम किया और अपनी पढ़ाई भी जारी रखी. उन्होंने कहा कि हिमांशु का जीवन और सफलता की कहानी युवाओं के लिए प्रेरणा का काम करेगी.

देशी ढाणी संचालक सुनील खत्री ने बताया कि हिमांशु ने एमकॉम कर रखी है. उसे वर्दी से बेहद प्यार है. इसीलिए पहले फौज में जाना चाहता था. लेकिन वो सपना पूरा नही हो पाया तो अब हिमांशु यूपीएससी क्लीयर कर पुलिस अफसर बनने की ख्वाहिश रखता है. हिमांशु का कहना है कि ज्ञान जितना हो सके उतना हासिल करते रहना चाहिए क्योंकि ज्ञान हमेशा आपकी रक्षा करता है और आपको सफल बनाता है.

प्रथम शर्मा की रिपोर्ट...